- सर्वमंगला मिश्रा
- - - -
मारुति, टाटा मोटर्स, हीरो मोटर्स, बजाज़ आटो, हूंडाई और मारुति जैसी कंपनियों के शेयर लाकडाउन में जैसे लाक ही हो गए और उनकी चाभी कहीं खो गई। चीन से सप्लाई होने वाले पार्ट्स के कारण इनमें से कई कंपनियां दोहरी से भी कहीं ज्यादा मार झेल रही हैं। एक – रा मटेरियल इंपोर्ट न हो पाने के कारण काम ठप्प हो गया। दूसरी ओर जो नई गाड़ियां बनकर रेडी टू लांच थीं वो फैक्ट्री में पड़ी अपने भाग्य को कोस रही होंगी। इनमें से अधिकतर कंपनियां अपनी नई कार रेंज मार्च के महीने में उतारने वाली थीं पर उससे पहले लाकडाउन उतर गया जिससे सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गई। अब ये तो वर्तमान परिस्थिति हुई। लाकडाउन खुलेगा तो क्या होगा। नई माडल जो मार्च में उतरने वाली थी उसे जाहिर तौर पर कंपनियां या तो उसी नाम से लांच करेंगी या उनमें मामूली फेर बदल करके नए नाम से भी लांच कर सकती हैं।
- - - -
मारुति, टाटा मोटर्स, हीरो मोटर्स, बजाज़ आटो, हूंडाई और मारुति जैसी कंपनियों के शेयर लाकडाउन में जैसे लाक ही हो गए और उनकी चाभी कहीं खो गई। चीन से सप्लाई होने वाले पार्ट्स के कारण इनमें से कई कंपनियां दोहरी से भी कहीं ज्यादा मार झेल रही हैं। एक – रा मटेरियल इंपोर्ट न हो पाने के कारण काम ठप्प हो गया। दूसरी ओर जो नई गाड़ियां बनकर रेडी टू लांच थीं वो फैक्ट्री में पड़ी अपने भाग्य को कोस रही होंगी। इनमें से अधिकतर कंपनियां अपनी नई कार रेंज मार्च के महीने में उतारने वाली थीं पर उससे पहले लाकडाउन उतर गया जिससे सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गई। अब ये तो वर्तमान परिस्थिति हुई। लाकडाउन खुलेगा तो क्या होगा। नई माडल जो मार्च में उतरने वाली थी उसे जाहिर तौर पर कंपनियां या तो उसी नाम से लांच करेंगी या उनमें मामूली फेर बदल करके नए नाम से भी लांच कर सकती हैं।
जिससे मार्केट में उनके प्रोडक्ट के प्रति खरीददारों का उत्साह बना रहे। दूसरा दृष्टिकोण अपनाएं तो नजारा कुछ और भी हो सकता है। जहां लाकडाउन के कारण मध्यम पूंजीपतियों की अर्थ व्यवस्था कहीं न कहीं चरमरा जाने के कगार पर है। सारे कर्मचारियों को बैठा कर सैलेरी देना इस दृष्टिकोण तो व्यवसायी वर्ग ज्यादा दिनों तक सहन नहीं कर सकेगा। जिससे लाकडाउन के बाद लोग नई गाड़ियां खरीदने से परहेज़ करेंगें।
गाड़ियां जो इस साल लांच होते होते रह गईं
हौंडा की न्यू हौंडा सिटी, हूंडाई की टक्सन, स्कोडा रैपिड 1.0,मर्सीडीज़ बेंज़ इक्यू सी जैसी अन्य कंपनियों की लांच लांच नहीं पाई।
ऐसे में भारतीय बाजार अवसर का लाभ उठा सकता है। जो सामान चीन से लाकर असेम्बल कर भारतीय बाजार तथा अन्य बाजारों में बेचते थे अब भारतीय बाजार राँ मटेरियल उत्पादन करने की क्षमता विश्व को दिखाता है तो मेड इन इंडिया विश्व पटल पर मजबूती से उभर सकता है। जिसके फलस्वरुप चीन से राँ मटेरियल लेने वाले प्रतिस्पर्धा और कोरोना संक्रमण से बचने के लिए विश्वगुरु भारत पर यकीन अधिक करेंगें।
दूसरी ओर आटो कंपनियां अपनी प्रतिबंधित डील के तहत कार्यकाल पूरा करने या तो विवश होंगी अथवा नुकसान झेलने के लिए प्रतिबद्ध रहना होगा। मारुति जो 6000 के आंकड़े को पार कर 7000 के टार्गेट को छूने के लिए उतावला नजर आ रहा था लाकडाउन की परिस्थिति में 4000 तक पहुंच गया। अब जब मार्केट अपना बाँटम बनाने की ओर अग्रसर है तो 4500 से लेकर 5500 के बीच झूल रहा है। इसी तरह मदरसन सूमी, टाटा मोटर्स और हीरो मोटर जैसे शेयर अनुमान से कहीं नीचे आ चुके हैं। हीरो मोटर 2494 से आगे जाने के लिए मजबूती प्रदर्शित कर रहा था पर 2200 फिर धीरे धीरे करके 1700-1800 के बीच मृगतृष्णा में घूम रहा है। आटो सेक्टर की रिकवरी में काफी समय लगता नजर आ रहा है। ऐसी परिस्थिति में बजाज आटो जैसी घरेलू कंपनियों को मार्केट पर पूर्णतया कब्जा जमाने में सुविधा मिल सकती है।