केरल के सबरीमाला मंदिर में महिला की पूजा से जुड़े विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है. 9 जजों की बेंच ने सुनवाई के बाद ऑर्डर रिजर्व रखा था. सितंबर 2018 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला में महिलाओं को पूजा की छूट दी थी. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका के जरिए चुनौती दी गई थी.
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के रिटायर जज सीएन रामचंद्रन नायर को सबरीमाला मंदिर में देवताओं के आभूषणों की सूची तैयार करने के लिए नियुक्त किया था.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की पीठ ने साफ किया था कि वो सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के साथ-साथ मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश, एक गैर-पारसी से शादी करने वाली पारसी महिलाओं को अगियारी में प्रवेश पर रोक और दाउदी बोहरा समुदाय के बीच महिलाओं के खतना की परंपरा पर भी सुनवाई होगी.
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिकाओं को लंबित रखते हुए केस को 7 जजों की बड़ी बेंच के पास भेज दिया था. कोर्ट में 5 जजों की बेंच को फैसला देना था, लेकिन कोर्ट ने इसके व्यापक असर को देखते हुए 3-2 के मत से याचिकाएं बड़ी बेंच को सौंप दी थीं. हालांकि, कोर्ट ने 28 सितंबर 2018 के फैसले को बरकरार रखते हुए मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.