नेपाल सीमा पर कोई अवरोध नहींः सुषमा


नई दिल्ली : भारत की विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में नेपाल के हालात और भारत नेपाल संबंधों की स्थिति पर बयान देते हुए कहा कि भारत की ओर से नेपाल को लेकर कोई संवादहीनता नहीं है. विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल में संविधान निर्माण के समय नेपाल में भारतीय राजदूत हमेशा नेपाली राजनेताओं के संपर्क में रहे.

नेपाल में संविधान निर्माण को लेकर दोनों देशों के गतिरोध पर सुषमा स्वराज के बयान की ख़ास बातें..
> यह कहने का कोई आधार नहीं है कि हमारे रुख में स्पष्टता नहीं थी या संवाद में कमी रही.
> नेपाली संविधान का जो अंतिम प्रारूप उभरा उसे नेपाल के कई वर्गों ने सबको शामिल करने वाला नहीं माना और इसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन शुरू हो गए.
> संकट की आशंका से प्रधानमंत्री के प्रतिनिधिमंडल के साथ विदेश सचिव भी नेपाल गए और उन्होंने नेपाली नेतृत्व को संकट से निपटने के लिए कई सुझाव दिए, जिन्हें माना नहीं गया.
> नेपाल के अंदर हालात तनावपूर्ण होने से पांच राज्यों से लगी भारत-नेपाल सीमा सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. एक भारतीय नागरिक भी मारा गया है. हमने उसकी मृत्यु की जांच की मांग की है.
> यूरोपीय संघ और अमरीका समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी सभी को शामिल करने वाले संविधान की और लगातार संवाद की पैरवी की है.
> भारत की तरफ़ से नेपाल जाने वाली आपूर्ति के लिए कोई अवरोध नहीं है. ये अवरोध नेपाल की तरफ से नेपाली जनता के द्वारा है, जिसमें हम दखल नहीं दे सकते.
> बुधवार को नेपाल के उप प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री कमल थापा से मेरी मुलाकात हुई. उन्होंने आश्वासन दिया कि विरोध करने वाले दलों से संवाद आगे बढ़ा है.
.> भारत की दिलचस्पी शांतिपूर्ण और स्थिर नेपाल में है.

सुषमा स्वराज ने सदन से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेपाल दौरे की संभावना पर विचार करने की अपील की.
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