अबादी के कार्यालय ने मंगलवार को कहा, ''इराक की सरजमीं पर विदेशी पैदल सैनिकों की कोई जरूरत नहीं है.
प्रधानमंत्री के साथ ही देश की सशस्त्र सेना के कमांडर-इन-चीफ अबादी ने कहा कि इराक में अगर कोई विदेशी सैनिक मौजूद है, तो उसे मंजूरी लेनी चाहिए और सरकार के साथ समन्वय बनाना चाहिए.
बयान के मुताबिक, देश की संप्रभुता के पूर्ण आदर के लिए इराक के किसी भी हिस्से में किसी भी सैन्य अभियान या तैनाती के लिए मंजूरी लेनी होगी व सरकार के साथ समन्वय में काम करना होगा.
अबादी का यह बयान अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर की उस टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ अमेरिकी सैन्य अभियान के तहत इराक व सीरिया में एक विशेष अभियान दल की तैनाती करने जा रहा है, जो लंबे समय तक एकपक्षीय अभियान को अंजाम देगा.
बिगड़ते सुरक्षा हालात के बीच इराक भीषण हिंसा का साक्षी रहा है. आईएस के आतंकवादियों ने देश के उत्तरी व पश्चिमी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है और शिया, सुन्नी, कुर्द, ईसाई, यजीदी कुर्द व अन्य नस्लीय व धार्मिक संप्रदायों के खिलाफ हिंसा को अंजाम दे रहे हैं.