Vaishno Devi Yatra: चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है...माता वैष्णो देवी धाम एक बार फिर से 'जय माता दी' के जयकारों से गूंज उठा है. 3 हफ्तों बाद माता का दरबार भक्तों के लिए दोबारा खुल गया है. बता दें कि लैंडस्लाइड की घटना के बाद यात्रा 26 अगस्त को स्थगित कर दी गई थी. इस हादसे में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हुए थे.
पहले 14 सितंबर से यात्रा शुरू करने की घोषणा की गई थी, लेकिन लगातार बारिश के कारण इसे टालना पड़ा. इस देरी से निराश कुछ श्रद्धालुओं ने तो कटड़ा के बाणगंगा दर्शनी द्वार पर सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश भी की थी. आज सुबह श्राइन बोर्ड ने अनुकूल मौसम देखते हुए यात्रा बहाल करने की घोषणा की. इसके साथ ही कटड़ा शहर में ठहरे हजारों श्रद्धालुओं के चेहरे खिल उठे. तड़के से ही भक्त बाणगंगा दर्शनी द्वार पर एकत्र हुए और ‘जय माता दी' के नारों के बीच यात्रा प्रारंभ हुई.
श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि यात्रा सुबह 6 बजे से दोनों मार्गों पर शुरू की गई. श्रद्धालुओं को वैध पहचान पत्र रखना अनिवार्य है और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आधारित ट्रैकिंग लागू की गई है. साथ ही यात्रियों को सुरक्षा बल और जमीनी कर्मचारियों से सहयोग करने की सलाह दी गई है.
तीर्थयात्रा दोबारा शुरू करने का फैसला ऐसे समय लिया गया, जब दो दिन पहले कुछ तीर्थयात्रियों ने यात्रा फिर से शुरू करने की मांग को लेकर कटरा आधार शिविर पर प्रदर्शन किया था. इससे पहले, तीर्थस्थल बोर्ड ने 14 सितंबर को यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला किया था, लेकिन लगातार बारिश की वजह से इसे और अधिक दिन तक बढ़ा दिया गया था. इसके बाद कुछ श्रद्धालुओं ने प्रदर्शन किया. वे सुरक्षा घेरा तोड़कर और तीर्थस्थल बोर्ड के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए तीर्थयात्रा पर जाने का बार-बार प्रयास करने लगे. लेकिन अब माता का दरबार भक्तों के लिए खुल गया है. भक्त पूरे उत्साह के साथ माता के दरबार की ओर बढ़ने लगे हैं.

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