पश्चिम बंगाल में अगले चुनाव से पहले मतदाता सूची की जांच होनी चाहिए : दिलीप घोष


कोलकाता: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची की व्यापक जांच की मांग की है। गुरुवार सुबह पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हर राज्य में वोटर लिस्ट की "फिल्टरिंग प्रक्रिया" होनी चाहिए और बंगाल में भी यही प्रक्रिया जल्द से जल्द अपनाई जानी चाहिए।

दिलीप घोष ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में 10 प्रतिशत से अधिक नाम फर्जी हैं, जिनमें से कई लोगों के बांग्लादेश से आने का भी संदेह है। उन्होंने कहा कि इन फर्जी नामों को हटाना जरूरी है, नहीं तो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि हर असली मतदाता को वोट डालने का न्यायसंगत अवसर देने के लिए मोबाइल आधारित मतदान प्रणाली लागू की जानी चाहिए, ताकि शांतिपूर्ण और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित हो सके।

बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूची संशोधन अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल में भी इस तरह की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सिर्फ आगे बढ़ने का मौका चाहती हैं। लगभग 40 लाख बंगाली मजदूर बंगाल छोड़कर अन्य राज्यों में प्रवासी मजदूर और होटल में काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी भलाई के लिए कोई नहीं सोचता।

राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर भी उन्होंने गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि हर दिन बंगाल में खूनखराबा हो रहा है। महिलाएं सामूहिक बलात्कार की शिकार हो रही हैं। बड़े संस्थानों को भी इसकी चिंता नहीं है। उन्हें सिर्फ चुनाव और वोट चाहिए। वे केवल बांग्लादेशी घुसपैठियों से वोट लेना चाहते हैं, यही उनका मकसद है।

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