कोलकाता: छठ पूजा के उत्साह और भीड़ को देखते हुए कोलकाता में आगामी दो दिनों तक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, ताकि किसी भी अनहोनी को रोका जा सके। शहर में कुल तीन हजार 700 अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जो विशेष रूप से प्रतिबंधित पटाखों के इस्तेमाल पर नजर रखेंगे। 75 डेसिबल की ध्वनि सीमा से अधिक शोर वाले पटाखों का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है।
अस्पतालों के आसपास के इलाकों में विशेष निगरानी रखी जाएगी, जहां ध्वनि सीमा 45 डेसिबल तय की गई है। कोलकाता के दक्षिणी हिस्से में स्थित रवींद्र सरोवर और उत्तरी हिस्से में स्थित सुभाष सरोवर के दो मुख्य कृत्रिम झीलों में छठ पूजा के आयोजन को रोकने के लिए इन्हें बंद रखा जाएगा। बुधवार शाम आठ बजे से शुक्रवार शाम छह बजे तक इन झीलों के सभी प्रवेश द्वार बंद रहेंगे। साथ ही, झीलों के चारों ओर बैरिकेड्स लगाए जाएंगे ताकि सुरक्षा पुख्ता रहे।
शहर के जाने-माने अर्थशास्त्री और पर्यावरणविद सोमेंद्र मोहन घोष ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह झील की पारिस्थितिकी और जैव विविधता की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम है। उन्होंने बताया कि 2016 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कुछ शर्तों के साथ छठ पूजा की अनुमति दी थी, लेकिन इसके बावजूद 2017 और 2018 में हजारों श्रद्धालु झील क्षेत्र में प्रवेश कर गए और सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन कर पूजा की। 2019 से राज्य सरकार ने न्यायालय के आदेशों को प्रभावी रूप से लागू किया, झीलों में प्रवेश रोकने के लिए बैरिकेड्स और पुलिस की तैनाती की गई। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री और खरीद पर सख्त निगरानी नहीं होगी, तब तक इसे पूरी तरह रोक पाना मुश्किल होगा।
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