कोलकाता: भाईदूज का पर्व बंगाल में "भाई फोंटा" के रूप में धूमधाम से मनाया गया। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनके लिए लंबी और स्वस्थ जिंदगी की कामना करती हैं। इसके बाद भाई अपनी बहनों को उपहार भी देते हैं।
इस अवसर पर दक्षिण 24 परगना जिले के तटीय इलाकों में रहने वाली महिलाओं ने मैंग्रोव प्लांट को भाई मानकर तिलक लगाया। उनका मानना है कि मैंग्रोव प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भाई की तरह उनकी रक्षा करता है। यह पूरे वर्ष सभी प्राकृतिक खतरों से मूल निवासियों की रक्षा करता है। इसलिए रविवार को भाईदूज के मौके पर महिलाओं एवं युवतियों ने मैंग्रोव पेड़ पर तिलक लगाकर त्यौहार मनाया। रविवार को कुलतली विधानसभा के गोपालगंज क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में ऐसा देखा गया।
ग्रामीणों के अनुसार, मछलियों के भण्डार बनाने के लिए मैंग्रोव के पेड़ों को काटा जा रहा है। इस वर्ष केवल कुलतली विधानसभा क्षेत्र के आठ से 10 स्थानों पर नदी के किनारे मैंग्रोव को काटकर मछलियों के भण्डार बनाए गए हैं। इससे प्रकृति को बचाने के उद्देश्य से आज गोपालगंज गांव में नैपुकुरिया नदी के किनारे लगे मैंग्रोव पौधों को महिलाओं एवं युवतियों ने सामूहिक रूप से तिलक लगाकर त्यौहार मनाया।
इस मौके पर गोपालगंज ग्राम पंचायत की मुखिया बिनता हलदर ने कहा कि जैसे भाई खतरे में बहनों की रक्षा करते हैं, बहनें भाइयों की रक्षा करती हैं, उसी तरह मैंग्रोव विभिन्न समय में भाइयों की तरह हमें प्राकृतिक आपदाओं से बचाते हैं। मैंग्रोव को जीवित रखने के लिए, जब मैंग्रोव के पेड़ काटे जाते हैं जिसका मैं विरोध करती हूं। सुंदरबन के सभी मैंग्रोव पेड़ हमारे भाई हैं। इसलिए भाई फोंटा के दिन हम गांव की महिलाओं ने अपने भाई को तिलक लगाया।
आम तौर पर इस दिन विवाहित बहनें या तो अपने ससुराल से तिलक लगाने आती हैं या फिर भाई अपनी बहनों से मिलने जाते हैं। इस दिन भाई और बहन दोनों व्रत रखते हैं और तिलक लगाने के बाद ही भोजन करते हैं। भाई फोटा पश्चिम बंगाल के प्रमुख त्योहारों में से एक है और इसे धूमधाम से मनाया जाता है।
भाई फोटा के उत्सव से जुड़ा धार्मिक महत्व यह है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम की बहन यमी ने यमराज को अपने घर आमंत्रित किया था और उन्हें भोज देकर सम्मानित किया था। इसलिए इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
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