वाराणसी: धर्म नगरी काशी में शिवाला स्थित चेत सिंह किला परिसर में रविवार से तीन दिवसीय आध्यात्मिक समागम की शुरूआत हुई। दक्षिण भारतीय पीठ विशाखा शारदा पीठम की ओर से आयोजित आध्यात्मिक समागम में सुबह 06.30 बजे गंगा स्नान, विश्वनाथ मानस दीक्षा धारण के बाद यज्ञ का संकल्प लिया गया। इसके बाद समागम में पूर्वाह्न 09 बजे महारुद्र सहित शतचंडी यज्ञ, नक्षत्राधिपति सहित नवग्रह होम, चारों वेदों का जाप-पारायण, संपूर्ण कृष्ण यजुर्वेद हवन श्रीमद् सुंदरकांड का पाठ एवं हवन के अनुष्ठान शुरू हुए।
विशाखा श्री शारदा पीठम के उत्तराधिकारी स्वामी स्वात्मानन्देन्द्र सरस्वती महाराज ने बताया कि राष्ट्र के सुख, समृद्धि, शांति की कामना एवं लोक कल्याण के लिये पीठम के पीठाधिपति महास्वामी श्री श्री स्वरूपानन्देन्द्र सरस्वती महाराज के आशीर्वाद से भव्य आध्यात्मिक समागम का आयोजन हो रहा है। इसमें लगभग 200 दक्षिण और उत्तर भारत के कई विचारधाराओं के आध्यात्मिक नेता, संत एवं महंत भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि सांयकाल श्री वल्ली कल्याण महोत्सव, गंगा में दीपदान के कार्यक्रम होंगे। तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में श्री शिव पार्वती कल्याण महोत्सव, श्री सीताराम कल्याणम और राज्याभिषेक, कवि सम्मेलन, काशी विद्वत सभा सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
समागम के मीडिया संयोजक चक्रवर्ती विजय नावड़ ने बताया कि कार्यक्रम में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राजश्यामला देवी की विशेष आराधना हुई। इसके बाद श्री वल्ली कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया। सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र के जीवन पर आधारित नाटक की प्रस्तुति भी हुई। समागम में हैदराबाद एनसीएलटी के जस्टिस बद्रीनाथ, आंध्रा आश्रम के ट्रस्टी वी. वी. सुन्दर शास्त्री, शारदा पीठम वाराणसी के प्रबंधक पी. किशोर कुमार, कांची मठ के प्रबंधक वी. सुब्रमण्यम मणि, टी. गजानन जोशी, सी बी सुब्रमण्यम ने पहले दिन के धार्मिक अनुष्ठान में भागीदारी की।
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