कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) लागू किये जाने को लेकर मंगलवार को भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में लाये गए इस कानून के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है.
सीएए के अनुसार, सरकार 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आये उत्पीड़ित गैर-मुस्लिम शरणार्थियों--हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्मों के लोगों को अब भारतीय नागरिकता प्रदान करना शुरू करेगी. सीएए नियमों को सोमवार को अधिसूचित किया गया.
तृणमूल कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी ने पार्टी की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति इकाई की बंद कमरे में हुई बैठक को संबोधित करते हुए हैरानगी जताई कि 2019 में यह अधिनियम पारित होने के बावजूद इसके नियमों को तैयार करने में पांच साल क्यों लगे.
तृणमूल के एक नेता ने बैठक के बाद कहा, ‘हमारे नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि नियम बनाने में एक से डेढ़ महीने का समय लगता है लेकिन संसद में 2019 में अधिनियम पारित किये जाने के बाद करीब पांच साल बीत चुके हैं.’ उन्होंने बताया, ‘बनर्जी ने कहा कि कोई स्पष्टता नहीं है और राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए इसे चुनावों से पहले लागू किया गया.’
सीएए लागू किये जाने को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को दावा किया कि अधिसूचित किये गए नियम ‘असंवैधानिक एवं भेदभावपूर्ण’ हैं. उत्तर 24 परगना जिले के हावड़ा में एक आधिकारिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल में सीएए लागू नहीं होने देंगी और लोगों से इस कानून के तहत आवेदन करने से पहले कई बार सोचने का अनुरोध किया.
Post a Comment