मध्य प्रदेश के हरदा जिले की एक पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार को भयानक विस्फोट हो गया. विस्फोट इतना जोरदार था कि पूरा क्षेत्र दहल गया. धमाके का असर 40 किलोमीटर दूर तक महसूस किया गया. इसका असर इतना था कि धमाके की आवाज के बाद लोग अपने वाहन छोड़कर भागने लगे. कच्चे मकान गिर गए, सरकारी अस्पताल के कांच चटक गए. आग की लपटों से पूरा इलाका धुआं-धुआं हो गया.
इस हादसे को लेकर एक स्थानीय व्यक्ति संतोष कसदे ने आंखों देखा हाल बताया. संतोष ने कहा कि वह सुबह 11.30 बजे पटाखा फैक्ट्री से करीब 800 मीटर दूर घंटाघर बाजार में खड़ा था. इसी समय पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ. विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ लोग मदद के लिए फैक्ट्री की ओर भागे, लेकिन 11.40 पर फैक्ट्री में एक बड़ा विस्फोट हुआ और मौके पर चीख-पुकार मच गई. जो लोग मदद के लिए गए थे, वे लोग भी वापस भागने लगे.
संतोष ने आगे बताया कि बड़े धमाके से घंटाघर बाजार भी दहल गया और व्यापारी अपनी दुकान बंद करके भागने लगे. बाजार में मौजूद ग्राहक भी अपनी गाड़ियां छोड़कर भाग गए. फैक्ट्री से उठा धूल का गुबार घंटाघर बाजार तक आ गया और कुछ ही देर में पूरा बाजार खाली हो गया. संतोष कसदे के मुताबिक, ब्लास्ट से फैक्ट्री में पत्थर, लोहे के टुकड़े और टीन शेड 500 मीटर दूर तक उड़कर गिरे और जान बचाकर भाग रहे लोगों को जाकर लगे. उड़कर आए पत्थर किसी के सिर पर लगा, जिससे शख्स की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, टीन शेड से किसी का हाथ ही कट गया.
संतोष ने आगे बताया कि मौके से 500 मीटर की दूरी पर मौजूद मकान भी धमाके की जद में आ गए. कच्चे मकान तो जमीदोज़ हो गए. करीब एक घंटे तक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होते रहे. पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट की गूंज और कंपन दूर-दूर तक महसूस की गई. घटनास्थल से 40 किलोमीटर दूर सिवनी मालवा की धरती तक कांप गई. इतना ही नहीं बैरागढ़ से करीब 30 किमी दूर स्थित टिमरनी, 35 किमी दूर स्थित खिड़कियां और इतनी ही दूर स्थित खातेगांव में विस्फोटों की गूंज से धरती कांप गई. वहीं, घटनास्थल से दो किलोमीटर दूर सरकारी अस्पताल के कांच चटक गए. इसके साथ ही आसपास की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा.
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