बिहार: हिंदु त्योहारों पर छुट्टियों की कटौती को लेकर सियासत तेज


विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने हिंदू त्योहारों पर छुट्टियां कम कर दी हैं, जबकि मुस्लिम त्योहारों पर छुट्टियां बढ़ा दी हैं. सोमवार की शाम शिक्षा विभाग ने इस संबंध में छुट्टी की अधिसूचना जारी कर दी. नए कैलेंडर के मुताबिक, जन्माष्टमी, रक्षाबंधन, रामनवमी, शिवरात्रि, तीज, वसंत पंचमी और के अवसरों पर छुट्टियों में कटौती की है, जबकि ईद और बकरीद के लिए छुट्टियों को बढ़ा दिया गया है.हालांकि छात्रों के लिए यह बदलाव नहीं किया गया है. 

इसके बाद अब सियासी हमले शुरू हो गए हैं. बीजेपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने नीतीश सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने हिंदू विरोधी मानसिकता और हिंदुओं की भावनाओं को आघात करने वाला एक निर्णय लिया है. हिंदुओं को जितने पर्व थे, उन सभी त्योहारों की छुट्टियों को रद्द कर दिया और मुस्लमानों के मुस्लमानों के पर्व की छुट्टियों को बढ़ा दिया गया. इसे हम कदापि स्वीकार नहीं करेंगे. 

उन्होंने कहा कि यह हिंदू विरोधी मानसिकता का परिचायक है. ये इस बात को दर्शाता है कि नीतीश कुमार ने हिंदु समाज को जातियों में बांटकर उनका वोट लेने और मुस्लमानों को खुश करने के लिए उनकी छुट्टियों को बढ़ा दिया है. लेकिन बिहार के लोग चुप नहीं रहेंगे. लोग सड़कों पर आएंगे.

सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा, ये एक सेक्युलर स्टेट है. चाहे हिंदु स्कूल हो या मुस्लमान हो या ईसाई, पूरे राज्य में एक दिन छुट्टी होनी चाहिए. ये जो तुगलकी फरमान है, हिंदु विरोधी निर्णय है, हिंदूओं की भावनाओं को आघात करने वाला निर्णय है, इसको बीजेपी कदापि बर्दाशत नही करेगी. उन्होंने कहा कि हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं और अविलंब इसको वापस लेने की मांग करते हैं.

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