सबौर(भागलपुर):एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय पहल के अनुरूप बिहार कृषि विश्वविद्यालय (BAU), सबौर द्वारा ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ के राष्ट्रीय शुभारंभ के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस योजना का राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) से किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की परिवर्तनकारी कृषि परियोजनाओं की शुरुआत की, जिसमें 24,000 करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री धन धान्य योजना’ और ‘दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिशन’ जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएँ शामिल हैं।
इन योजनाओं का उद्देश्य भारतीय कृषि में उत्पादन वृद्धि, राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना, तथा किसानों को उन्नत तकनीकों एवं संसाधनों से सशक्त बनाना है।
डॉ. सिंह ने कहा, “बिहार कृषि विश्वविद्यालय इस राष्ट्रीय परिवर्तन का केवल साक्षी नहीं, बल्कि सक्रिय सहभागी है। हमारा संकल्प है कि हर वैज्ञानिक खेतों तक पहुँचे, किसानों की बात सुने और विज्ञान की शक्ति को मिट्टी तक पहुँचाए। सामूहिक प्रयासों से बिहार न केवल उत्पादन अंतर को समाप्त करेगा बल्कि टिकाऊ और समावेशी कृषि का अग्रदूत बनेगा।”यह विचार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उस दृष्टि के अनुरूप है जिसमें उन्होंने कृषि को ‘विकसित भारत’ के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में वर्णित किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर विशेष रूप से देश के आकांक्षी जिलों में अभिसरण, सहयोग और प्रतिस्पर्धा की भावना को सुदृढ़ करने पर बल दिया।
उल्लेखनीय है कि बिहार के 13 जिले आकांक्षी जिलों की श्रेणी में हैं, जिनमें बांका और कटिहार ने नीति आयोग की वर्ष 2023 की ‘चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग’ में कृषि एवं जल संसाधन श्रेणी में क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त किया था।BAU, सबौर अब इस राष्ट्रीय गति को आगे बढ़ाते हुए राज्य के हर किसान तक योजनाओं के लाभ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय मुख्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में 250 से अधिक प्रतिभागियों - शिक्षकों, वैज्ञानिकों,गैर-शिक्षण कर्मियों, विद्यार्थियों एवं स्थानीय किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का स्वागत भाषण डॉ. ए. के. साह, डीन (कृषि) द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का आयोजन डीन (कृषि) कार्यालय, BAU, सबौर द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. ए. के. सिंह, निदेशक अनुसंधान; डॉ. एस. के. पाठक, निदेशक प्रसार शिक्षा; डॉ. एम. के. सिन्हा, सह-डीन सह प्राचार्य; तथा सभी डीन और निदेशकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आदित्य सिन्हा, सहायक प्राध्यापक (प्रसार शिक्षा), BAC, सबौर द्वारा किया गया।
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