ISRO के Aditya L1 ने भेजी सेल्फी, दिखी धरती और चांद की खूबसूरत फोटो


Aditya L1 Mission: सूरज का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल 1 (Aditya L1) अपने सफर पर है और यह अपने पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. करीब चार महीने बाद सूर्य और पृथ्वी के अक्ष पर स्थित एल 1 प्वाइंट पर इसे स्थापित किया जाएगा.  इन सबके बीच आदित्य एल 1 (Aditya L1) ने कुछ तस्वीरें भेजी हैं जिसमें धरती और चांद (Moon Earth pictures) दोनों नजर आ रहे हैं. 

इसरो (ISRO) के मुताबिक आदित्य यान लैग्रेंज पॉइंट (एल1) की ओर तेजी से बढ़ रहा है. उसके सभी उपकरण काम कर रहे हैं. उसके बाहरी ओर कुछ कैमरे लगाए गए थे, जिसने पृथ्वी और हमारे चांद की कई फोटोज लिए हैं. साथ ही उसे इसरो कमांड सेंटर में भेजा.

आदित्य ने ली सेल्फी

आदित्य एल 1 (Aditya L1) की भेजी गई तस्वीर में धरती और चांद दोनों नजर आ रहे हैं जिसमें चांद एक छोटे से बिंदु के रूप में नजर आ रहा है. इसरो (ISRO) ने ट्वीट में लिखा है कि सूरज की सफर पर निकले आदित्य मे धरती और चांद की सेल्फी ली है. इस सेल्फी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आदित्य एल 1 मिशन (Aditya L1 Mission)धीरे धीरे अपने सफर पर आगे बढ़ रहा है. 

आदित्य एल 1 को धरती से करीब 15 लाख किमी दूर एल 1 प्वाइंट पर स्थापित किया जाना है. इस मिशन को बेहद महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. इसमें कुल सात पेलोड्स लगाए गए हैं जिनमें से चार सूरज की किरणों का अध्ययन करेंगे और तीन पेलोड्स के जरिए एल 1 प्वाइंट के चारों तरफ के वातावरण को समझा जाएगा.

आदित्य मिशन का मकसद 

1472 किलोग्राम वजनी अंतरिक्ष यान को इसरो के सबसे विश्वसनीय और बहुमुखी वर्कहॉर्स रॉकेट 'एक्सएल' कॉन्फ़िगरेशन में ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (PSLV) द्वारा अंतरिक्ष में ले जाया गया था. आदित्य एल1 मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सूर्य की ऊपरी वायुमंडलीय परतों, विशेष रूप से क्रोमोस्फीयर और कोरोना का अध्ययन करना है. 

आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (L 1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा (Halo Orbit) में रखा जाएगा, जो कि 1.5 मिलियन किमी दूर है. पृथ्वी सूर्य की दिशा में. चार महीने के समय में यह दूरी तय करने की उम्मीद है.  आदित्य एल 1 के निर्माण में एलएंडटी, एमटार टेक्नोलॉजीज, पारस डिफेंस, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज, एचएएल, बीएचईएल और मिश्र धातु निगम ने अहम भूमिका निभाई है. 

Post a Comment

Previous Post Next Post