अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को खत्म किए जाने के सरकार के फैसले को चुनौती देने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों का संविधान पीठ 11 जुलाई को सुनवाई करेगा. CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच सुनवाई करेगी.
संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली 20 से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी. इन पर तीन साल तीन महीने पहले मार्च 2020 में सुनवाई करना तय किया गया था. लेकिन तब कुछ याचिकाकर्ताओं की मांग के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने इन याचिकाओं को सात जजों की संविधान पीठ के समक्ष नहीं भेजने का फैसला लिया था.
तब याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के दो फैसले - प्रेम नाथ कौल बनाम जम्मू और कश्मीर राज्य और संपत प्रकाश बनाम जम्मू और कश्मीर राज्य - जो पांच-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए थे और अनुच्छेद 370 की व्याख्या से संबंधित थे वो परस्पर विरोधाभासी थे. हालांकि, मामले की सुनवाई कर रही पांच जजों की संविधान पीठ ने इस दलील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि दोनों फैसलों के बीच कोई विरोधाभास नहीं है.
इस साल फरवरी में सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली पीठ के समक्ष भी याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई के लिए उल्लेख किया गया था. सीजेआई ने तब कहा था कि वह इसे सूचीबद्ध करने पर "निर्णय लेंगे". ये निर्णय पीठ तय होने के साथ ही अब हो गया है.
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