Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मामले में HC ने पूछा, क्या खुदाई जरूरी है?



इलाहाबाद: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi hearing ) मामले में एएसआई सर्वे (ASI Survey) को लेकर आज फैसला आने की संभावना है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की अदालत में हुई सुनवाई में हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी-अपनी बात रखी। 

ASI सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Gyanvapi hearing Allahabad High Court) में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने पूछा कि जब तक मामले में सुनवाई पूरी नहीं होती तो क्या ऐसी एप्लिकेशन फाइल की जा सकती है? इसके जवाब में  फरहान नकवी ने कहा कि जिरह पूरी नहीं हुई थी लेकिन फिर भी एप्लिकेशन फाइल हुई और वाराणसी कोर्ट ने उस पर फैसला दे दिया। उन्होंने ये भी कहा कि एप्लिकेशन में महिलाओं ने कहा है कि उनके पास इस मामले में कोई सबूत नहीं है इसलिए ASI को सर्वे करके सबूत इकट्ठे करने चाहिए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस: क्या खुदाई करना बेहद जरूरी है?

हिंदू पक्ष के वकील जैन: हां, लेकिन मस्जिद के अंदर नहीं। हम (एएसआई का जिक्र करते हुए) ग्राउंड रडार मैपिंग का उपयोग कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर ही खुदाई की जाएगी, वह भी अंतिम चरण में।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस: किस सेक्शन के तहत महिला पक्ष ने ASI सर्वे की मांग की है।

कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि आप क्या अब इस तरह की दलीलें दे सकते हैं, जब सुनवाई पूरी हो गई है।

मुस्लिम पक्ष ने कहा-सुनवाई पूरी नहीं हुई है।

महिला भक्तों ने सीपीसी के सेक्शन 75 e के तहत जिला अदालत मुकदमा दायर किया था। इस सेक्शन के तहत कोर्ट के पास इस तरफ के सर्वे कराने की शक्ति है।

मुस्लिम पक्ष :  कोर्ट ने एप्लिकेशन  फाइल होते ही सर्वे का आदेश पास कर दिया।

मुस्लिम पक्ष - महिला याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनके पास सबूत नहीं हैं, और ASI को सबूत इकट्ठे करने चाहिए।

मुस्लिम पक्ष - महिला याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वो मौखिक सबूतों के आधार पर तथ्य नहीं पेश किए जा सकते हैं।

याचिका के जरिए हिंदू पक्ष ने जिला कोर्ट से ही सबूत इकट्ठे करने की मांग की है।

मुस्लिम पक्ष - इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है.आप सबूत इकट्ठा करने के लिए किसी और को नहीं कह सकते हैं। ये गैरकानूनी है।

मुस्लिम पक्ष की दलील

सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हिंदू पक्ष की याचिका के हिसाब से महिला याचिकाकर्ताओं ने विरोधाभासी बयान दिया है। पहले पैराग्राफ में हिंदू पक्ष कहता है कि उनके पास सबूत मौजूद हैं। आखिरी पैराग्राफ में कहता है कि एएसआई को सबूत इकट्ठे करने चाहिए। 

कोर्ट ने पूछा कि अगर हिंदू पक्ष सबूत जुटाना चाहता है और कोर्ट इसकी इजाजत देता है तो इसमें समस्या क्या है? अगर इस स्टेज पर भी सबूत इकट्ठे हो जाएं तो क्या नुकसान होगा? इसके जवाब में मुस्लिम पक्ष ने फिर कहा कि हिंदू पक्ष के पास अभी तक कोई सबूत नहीं है।

शाम 4:30 बजे फिर होगी सुनवाई

ज्ञानवापी केस में लंच ब्रेक के बाद अब 4:30 बजे फिर से सुनवाई शुरू होगी। इस बीच खबर है कि वाराणसी से ASI के वरिष्ठ अधिकारी प्रयागराज रवाना हो गए हैं। दरअसल ASI के वरिष्ठ अधिकारी को कोर्ट में बुलाया गया है। ASI कोर्ट में GPR तकनीक का डेमो कर सकती है।

हाईकोर्ट की गाइड लाइन

इस बीच ASI को कोर्ट ने कहा कि आप कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करें की आप ज्ञानवापी विवादित परिसर के सर्वे के दौरान कोई नुकसान नहीं पहुचाएंगे। आज ही सुनवाई के दौरान ही ये शपथपत्र दिया जाए। वाराणसी से ASI की टीम रवाना हुई है और वहीं टीम इस शपथपत्र कोर्ट को देगी।


Post a Comment

Previous Post Next Post