श्री सीमेंट : नहीं मिले आयकर छूट के दावों के ठोस प्रमाण, सर्वे जारी


- श्री सीमेंट के कारोबारी स्थलों पर आयकर सर्वे का मामला
- कम्पनी के आयकर छूट के दावों की हो रही पड़ताल
- करीब तीन हजार करोड़ की छूट के दावों पर हैं सवालिया निशान 
- राजस्थान, पश्चिम बंगाल और हरियाणा में हो रही कार्रवाई

जयपुर: देश की प्रमुख सीमेंट निर्माता कम्पनियों में से एक श्री सीमेंट लिमिटेड के पांच कारोबारी स्थलों पर आयकर विभाग की बुधवार से शुरू हुई आयकर सर्वे की कार्रवाई आज तीसरे दिन भी जारी रही। आयकर सर्वे की कार्रवाई में जुटी विभाग की अन्वेषण शाखा की टीमें तीसरे दिन भी कम्पनी की ओर से किए गए आयकर छूट के दावों के प्रमाण खोजते रहे और सीमेंट निर्माता के यहां वीडियोग्राफी करते रहे। 

दिलचस्प तथ्य यह बताया जा रहा है कि आयकर अधिकारियों को श्री सीमेंट के प्लांटों पर छूट के लिए किए गए दावें के प्लांट ही नजर नहीं आ रहे, इस आधार पर अधिकारियों का दावा है कि कम्पनी ने गलत जानकारियां दे कर आयकर छूट का लाभ उठाया। शुक्रवार को भी आयकर विभाग की कार्रवाई ब्यावर में दो, नवलगढ़ में एक, कोलकाता और गुरुग्राम स्थित कम्पनी के व्यवसायिक ठिकानों पर जारी रही।

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभागीय अधिकारी अब आयकर सर्वे की कार्रवाई का दायरा बढ़ाने की तैयारी में है। आयकर अधिकारी संभवत: शनिवार को श्री सीमेंट लिमिटेड के यहां हो रही कार्रवाई में कुछ और नए प्वाइंट शुरू कर सकते हैं। बांगड़ सीमेंट और श्री सीमेंट के ब्राण्ड नाम से ओपीसी, पीपीसी, पीएससी श्रेणी की सीमेंट का उत्पादन करने वाली श्री सीमेंट की देश के 10 राज्यों में 15 उत्पादन इकाइयां है। 474 लाख टन सीमेंट उत्पादन क्षमता के कारण कम्पनी को देश की पहली तीन सीमेंट उत्पादकों में एक माना जाता है। 

सूत्र बताते हैं कि कम्पनी ने पिछले पांच-सात साल की अवधि में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और सोलिड वैस्ट मैनेजमेंट के नाम पर 2500 से 3000 करोड़ रुपए की छूट का दावा कर इस छूट का लाभ उठाया है, लेकिन जांच करने गए अधिकारियों को ऐसे कोई प्लांट्स कम्पनी परिसरों में नजर ही नहीं आए। इसके अलावा कम्पनी के पावर प्लांट पर भी प्रोफिट के समायोजन के संबंध में अधिकारियों को कुछ संदेहास्पद दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिनकी विस्तृत जांच होगी। सर्वे की कार्रवाई शुक्रवार देर रात तक सभी ठिकानों पर जारी रही।

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