रक्षा सौदों से भारत-अमेरिका के संबंध मजबूत, रिश्तों में नये युग की शुरुआत : विशेषज्ञ

विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित रक्षा सौदे न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करते हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ती निकटता को भी दर्शाते हैं. भारत और अमेरिका ने 31 ‘हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस' (हेल) ड्रोन के लिए तीन अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किये हैं, जिनमें से नौसेना को 15 ‘सीगार्जियन' ड्रोन मिलेंगे, जबकि थलसेना और भारतीय वायुसेना को आठ-आठ भूमि संस्करण वाले ड्रोन ‘स्काईगार्जियन' प्राप्त होंगे. 

मोदी की यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच जेट इंजन एफ414 के संयुक्त निर्माण के लिए जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बीच भी समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार पंकज सरन ने इसे भारत-अमेरिका रिश्तों में एक ‘नये युग' की संज्ञा दी है. 

सरन ने कहा, ‘‘यह रिश्तों में एक नये युग का प्रतीक है. इसके तहत दो क्षेत्रों- रक्षा और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित किया गया है. तीसरा तत्व दोनों पक्षों द्वारा दिखाई गई महत्वाकांक्षा की निर्भीकता है.'' उन्होंने कहा, 'अतीत में भी हमारे शिखर सम्मेलन हुए हैं, लेकिन इस विशेष शिखर सम्मेलन में दोनों पक्षों ने सामरिक क्षेत्रों में अपने संबंधों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए एक बहुत ही सचेत निर्णय लिया है.'

भारतीय वायुसेना के पूर्व उप-प्रमुख एयर मार्शल रविकांत शर्मा ने कहा कि जीई और एचएएल के बीच हस्ताक्षरित एमओए भारत और उसके जेट इंजन कार्यक्रम के लिए एक बड़ा कदम है. उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत को जेट इंजन प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने में मदद करेगा, हालांकि इससे पहले हमें एक लंबी दूरी तय करनी होगी. एफ414 एक समकालीन, अत्याधुनिक इंजन है.''

नौसेना के पूर्व प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने कहा कि ड्रोन एक बड़ा लाभ प्रदान करते हैं, खासकर तब जब हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी गतिविधियों में वृद्धि के साथ भारत अपनी समुद्री सीमाओं पर नजर रख रहा है. सेवानिवृत्त नौसेना प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ये ड्रोन एक ऐसी संपत्ति है जिसे दुनिया में कहीं भी साझा नहीं किया गया है, भारत शायद एमक्यू9बी पाने वाला पहला देश है. उन्होंने पहले हमें 'कंपनी स्वामित्व, कंपनी संचालित' मॉडल पर दो एमक्यू9 रीपर ड्रोन दिए थे.'

Post a Comment

Previous Post Next Post