अंतरराष्ट्रीय योग दिवस : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर इस साल भारत की अध्यक्षता में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के लिए 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की थीम पर प्रकाश डालते हुए रेखांकित किया कि योग का प्रचार 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना का प्रचार है. उन्होंने कहा, आज दुनिया भर में करोड़ों लोग 'वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग' की थीम पर एक साथ योग कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को वीडियो संदेश के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के राष्ट्रीय उत्सव को संबोधित किया. मध्य प्रदेश के जबलपुर में 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 के राष्ट्रीय उत्सव का नेतृत्व भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस अनोखे उत्सव में देश और दुनिया के करोड़ों लोगों का इतने सहज तरीके से शामिल होना योग की विशालता और प्रसिद्धि को दर्शाता है.
प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि भारत की संस्कृति और सामाजिक संरचना, इसकी आध्यात्मिकता और आदर्शों और इसके दर्शन व दृष्टि ने हमेशा उन परंपराओं का पोषण किया है जो अपनाने और गले लगाने वाली हैं.
मोदी ने आगे कहा कि भारतीयों ने नए विचारों का स्वागत किया है और उन्हें संरक्षित किया है. उन्होंने कहा कि योग एकजुटता की भावना को पुष्ट करता है, आंतरिक दृष्टि का विस्तार कर हमें उस चेतना से जोड़ता है जो हमें जीव के प्रति प्रेम का आधार देते हुए जीव की एकता का आभास कराती है. प्रधानमंत्री ने कहा, हमें योग के माध्यम से अपने अंतर्विरोधों, रुकावटों और प्रतिरोधों को खत्म करना होगा. उन्होंने कहा, हमें 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना को दुनिया के सामने एक उदाहरण के रूप में पेश करना है.
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर नागरिकों को शुभकामनाएं दीं. प्रधानमंत्री ने बताया कि वह भारतीय समयानुसार शाम करीब साढ़े पांच बजे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग कार्यक्रम में शामिल होंगे.
संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने योग के बारे में एक श्लोक उद्धृत किया और बताया कि कर्म का कौशल ही योग है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आजादी के अमृतकाल में यह मंत्र सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और योग की सिद्धि तब प्राप्त होती है जब व्यक्ति वास्तव में अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित होता है.
उन्होंने 2014 में रिकॉर्ड संख्या में देशों के समर्थन को याद किया जब योग दिवस का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को एक वैश्विक आंदोलन और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से एक वैश्विक भावना बनाने के लिए पेश किया गया था.
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