एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से भाजपा का एजेंट बताये जाने को लेकर असदुद्दीन औवेसी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पलटवार किया है. गुरुवार को उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाकामियां गिनाते हुए कहा कि जुलूस के नाम पर हिन्दुत्ववादी ऑर्गेनाइजेशन ने फसाद फैलाया और प्रशासन उन्हें रोकने में नाकाम रहा. प्रशासन को ठीक करने के बजाय नीतीश कुमार वही पुराना कैसेट दोहरा रहे हैं कि हम भाजपा के एजेंट हैं.
औवेसी ने 2002 के गुजरात दंगों की याद दिलाते हुए आरोप लगाया कि उस समय नीतीश कुमार रेल मंत्री थे. आप भाजपा के साथ रहे. आप भाजपा के साथ सत्ता में रहकर बिहार के मुख्यमंत्री बने. फिर नरेन्द्र मोदी के साथ आप मिल गए और फिर से मुख्यमंत्री बने. बिहार में जिसने भाजपा को मजबूत किया, जिसने भाजपा की जड़ें मजबूत की, वह हम पर इल्जाम लगा रहा है. ये क्या, नीतीश कुमार लगता है कि नोटरी एजेंट है.
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए कहा आप आपके भतीजे को लेकर उस मदरसा अजीजिया पर जाइये और मुआवजे का ऐलान कीजिये. जो भी आरोपी पुलिस वाले हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करिये.
उल्लेखनीय है कि बुधवार सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में सांप्रदायिक हिंसा को रोक पाने में विफलता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राज्य में हिंसा कराई गई. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के इस बयान पर कि दंगा से भाजपा और जदयू दोनों को फायदा होता है, पर नीतीश कुमार ने कहा था कि केंद्र में जो सत्तारूढ़ दल है, वो (ओवैसी) उनके ही एजेंट हैं. उन्होंने कहा कि जिन पार्टियों के बड़ी संख्या में सांसद हैं, उनसे अधिक खबरें असदुद्दीन ओवैसी की छपती हैं. (वह) कहां के रहने वाले हैं और कहां समाचार छपता है. उनका यहां कुछ है क्या. जब हम एनडीए से अलग हुए थे तो उस वक्त ओवैसी हमसे मिलना चाहते थे. हमने मना कर दिया था.
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