सासाराम-बिहारशरीफ में माहौल खराब करने की कोशिश हुई, जल्द ही सच सामने आएगा : नीतीश


पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की जयंती पर आयोजित राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सासाराम-बिहारीशरीफ हिंसा में माहौल खराब करने की कोशिश की गई.

नीतीश ने कहा कि कभी यहां कुछ होता ही नहीं है. सब लोग यहां अलर्ट रहते हैं. अगर अचानक कहीं कुछ किया गया है तो उसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. हमलोग भी पूरी नजर बनाए हुए हैं. प्रशासन ने सही तरीके से सबकुछ संभाला है. सब कुछ जानबूझकर कराया गया. हिंसा की जांच जारी है. जल्द ही सच सामने आएगा.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भाजपा का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो जाने वाले बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी बातों का नोटिस नहीं लेते हैं. उनका कौन दरवाजा है? कोई दरवाजा है. उनका तो एकतरफा छपता ही है और हमलोगों की कोई बात नहीं छपेगी तो हमको क्या जरूरत है नोटिस लेने का. हम लोगों के बीच में हैं. मीडियाकर्मी बंधुओं से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपसे हमें काफी उम्मीद है. आप जरा लोगों से अंदर से जाकर बात कीजिए, तब आपको सही बातों का पता चल जाएगा.

नालंदा जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा तो मेरी जगह ही है. हम यहीं से सभी से बात कर लेते हैं. कुछ खास नहीं है. अब तो सब नॉर्मल हो गया है. हम तो ऐसे जाते ही रहते हैं. सबको पता है कि वहां हम कितना काम करवाए हैं. भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी के इफ्तार वाले बयान पर नीतीश ने कहा कि सुशील कुमार मोदी को बोलना ही है. नहीं बोलेंगे तो उनको पार्टी से ही निकाल दिया जाएगा. विपक्षी एकता के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम प्रयासरत हैं.

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दंगा से भाजपा और जदयू दोनों को फायदा होता है के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में जो रुलिंग हैं उन्हीं के वो एजेंट हैं. जिन पार्टियों के बड़ी संख्या में एमपी हैं उनसे ज्यादा असदुद्दीन ओवैसी का न्यूज छपता है. पूरे देशभर में कहां के रहने वाले हैं और कहां न्यूज छपता है. उनका यहां कुछ है? बहुत पहले जब हम अलग हुए थे तब ओवैसी हमसे मिलना चाहते थे, तो हमने मना कर दिया था.

फेडरल सिस्टम में मुख्यमंत्री से बातचीत करने का प्रावधान होता है का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश के संविधान को जरा देख लीजिए. शुरू से बना है कि जो भी गवर्नर होते हैं तो क्या केवल उन्हीं से बात की जाती है? या सरकार से कोई बातचीत की जाती है. यह कानून बना हुआ है कि राज्य सरकार की सहमति से कुछ होता है जो लोग बोल रहे हैं वो कितना दिन से राजनीति में हैं और हमलोग कितना दिन से राजनीति में हैं. अटल जी के नेतृत्व में पार्टी थी वो कितना बढ़िया से काम करती थी. आजकल ये लोग कुछ काम नहीं कर रहे हैं. सब चीज पर कब्जा कर लिए हैं. केवल अपना प्रचार कर रहे हैं.

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