बंगाल के दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर के नामखाना में मंगलवार को एक रुपये के सिक्कों से भरी सौ बोरियां बरामद हुई हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार हावड़ा के श्यामपुर थाने के मोल्लाहाट इलाके के रहने वाले विश्वजीत सिंह ईंटों का कारोबार करते है. उनके साथ दक्षिण 24 परगना के नामखाना के लालपोल निवासी 'न्यू लोकनाथ बिल्डर्स' के मालिक राधाकृष्ण मन्ना के व्यापारिक संबंध थे. राधाकृष्ण से विश्वजीत को तीन लाख रुपये से ज्यादा बकाया थे. इसलिए राधाकृष्ण ने कर्ज चुकाने के लिए विश्वजीत सिंह को एक रुपये के सिक्कों के 125 बोरे दिए. प्रत्येक बोरे में ढाई हजार रुपए थे.
डायमंड हार्बर के एसडीपीओ मिथुन कुमार डे ने कहा कि नामखाना पंचायत समिति द्वारा क्षेत्र के एक ठेकेदार को वास्तव में पैसा दिया गया था. राधाकृष्ण को उस ठेकेदार से पैसे बकाया थे. इस संबंध में नामखाना पंचायत समिति द्वारा लिखित सूचना दी गई. नामखाना बीडीओ कार्यालय की ओर से लिखे पत्र में पंचायत समिति के काम के लिए स्थानीय व्यवसायियों को करीब साढ़े चार लाख रुपये बकाया थे. लेकिन पंचायत समिति के पास पैसा नहीं था.
इसलिए पंचायत द्वारा पट्टे पर दिए गए फेरीघाट से जो भी फुटकर पैसा कमाया जाता है, उसे बोरियों में भरकर कारोबारियों को दे दिया गया. वे सभी सिक्के फेरी सेवा के किराए से आए थे. कुल 125 बोरी में तीन लाख 12 हजार 500 रुपये दिए गए. उधर, मुसीबत तब शुरू हुई जब विश्वजीत सिक्कों से भरी बोरियों को नैनन घाट से मोटर चलित नाव से ले जाने लगे. विश्वजीत हावड़ा जाने के लिए नाव पर सवार हुए. लेकिन उनके पास सिक्कों की इतनी बोरी कैसे आई, साथी यात्रियों ने सवाल करना शुरू कर दिया. उन्होंने रामनगर थाने की पुलिस को सूचना दी. बाद में पूरी घटना की जांच के बाद पुलिस ने विश्वजीत को पैसे ले जाने दिए.
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