केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि बिहार सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उदासीनता के कारण एक लाख 72 हजार आवास मार्च में लैप्स हो गए, इनमें एक लाख 60 हजार आवास आम गरीबों को और 12 हजार भूमिहीन को मिलने थे. केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह रविवार को बेगूसराय में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे.
प्रेसवार्ता में गिरिराज सिंह ने कहा कि जदयू और राजद कहती है कि गरीबों की सरकार है. फिर एक लाख 72 हजार लोगों को आवास मिलने से वंचित क्यों रखा गया. बिहार को यूपीए सरकार ने मात्र 38 लाख आवास दिया था, जबकि मोदी सरकार 56 लाख आवास दे चुकी है. सरकार की संवेदनहीनता के कारण सभी लोगों को आवास नहीं मिल रहा है. मनरेगा में भ्रष्टाचार चरम पर है, लाचार होकर कदम उठाना पड़ेगा. मनरेगा में यूपीए की सरकार ने 9649 करोड़ दिया था, हम 31 हजार करोड़ से अधिक दे चुके हैं.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार अगर पैसा देना बंद कर दे तो बिहार की बत्ती जलनी मुश्किल हो जाएगी. बिहार सरकार की संवेदनहीनता के कारण केंद्र सरकार की ओर से बेगूसराय को दिया गया इलेक्ट्रॉनिक कलस्टर वापस लौट गया. हवाई अड्डा के लिए डीएम से कागजात सहित पूरा विवरण मांगा गया है. संबंधित मंत्रालय से बात हो गई है, मंत्रालय को कागज मिलते ही बेगूसराय में हवाई सेवा शुरू होने की दिशा में काम होने लगेगा. उन्होंने कहा कि सिमरिया के विकास के लिए तीन-चार साल से हम सवाल उठा रहे हैं. अभी भारत सरकार द्वारा नमामि गंगे के तहत 13 करोड़ का आवंटन मिलते ही काम हो रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास करने के बदले प्रधानमंत्री बनने की कोशिश में मस्त हैं. रोज इफ्तार पार्टी कर रहे हैं, बिहार जल रहा है. केवल हिंदुओं को केस में फंसाया जा रहा है, दंगाई को छोड़ा जा रहा है, यह नहीं चलेगी. दंगा झेलने वालों को राहत देने के बदले तुष्टीकरण की पराकाष्ठा चल रही है. धर्म के आधार पर इसलिए आजादी नहीं मिला था. टोपीधारी मुख्यमंत्री को बताना होगा कि क्या हिंदू अब पूछ कर दुर्गा, रामनवमी और हनुमान जयंती का जुलूस निकालें की किस सड़क से जाएं.
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