रामनवमी पर हुई झड़प के बाद हावड़ा में शांति बहाल, पुलिस ने 35 लोगों को किया गिरफ्तार


काजीपारा और उसके आसपास के इलाके में रामनवमी के मौके पर दो समूहों में हुई झड़प के बाद वहां की स्थिति नियंत्रण में आ चुकी है. इस बात की जानकारी हावड़ा सिटी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है. उन्होंने बताया कि काजीपारा में स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है, क्योंकि शुक्रवार को इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई थी. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि काजीपारा के आसपास के विभिन्न इलाकों में रात भर तलाशी और छापेमारी की गई, जिसके बाद झड़प के सिलसिले में अब तक 35 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया, "स्थिति नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है. रात में यहां कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. भारी पुलिस तैनाती जारी है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इलाके में मौजूद हैं. हमने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की है और गुरुवार की झड़प के सिलसिले में अब तक 35 लोगों को गिरफ्तार किया है." उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान वायरल हो रहे एक वीडियो के जरिए की गई है और इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

गुरुवार शाम को दो समूहों के बीच उस समय हिंसा भड़क गई, जब हावड़ा शहर में रामनवमी का जुलूस निकाला जा रहा था. हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पुलिस के कुछ वाहनों समेत कई वाहनों को आग लगा दी गई और दुकानों और ऑटो-रिक्शा में भी तोड़फोड़ की. आग बुझाने के लिए दमकल की चार गाड़ियों को मौके पर पहुंची और पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा था.

इलाके में शांति बहाल करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. शहर में धरने पर बैठी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने हावड़ा में रामनवमी के जुलूस के दौरान कथित रूप से सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करने के लिए भाजपा की आलोचना की और कहा कि इस घटना में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.

सीएम बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सांप्रदायिक दंगों को अंजाम देने के लिए दूसरे राज्यों के गुंडों को काम पर रखा था. उन्होंने कहा, "आखिरी क्षण में रास्ता क्यों बदला और एक समुदाय को निशाना बनाने और उस पर हमला करने के लिए अनधिकृत रास्ता अपनाया? अगर उन्हें लगता है कि वे दूसरों पर हमला करेंगे और कानूनी हस्तक्षेप के माध्यम से बच जाएंगे, तो उन्हें पता होना चाहिए कि लोग एक दिन उन्हें अपनाने से इनकार कर देंगे." वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने दावा किया कि हिंसा के लिए मुख्यमंत्री और राज्य प्रशासन जिम्मेदार है.

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