पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तमिलनाडु में बिहार मजदूरों पर हो रहे हमले को लेकर विपक्षी भाजपा की बात को मानते हुए डीजीपी से तमिलनाडु के लिए एक टीम भेजने का आदेश दिया है.
बिहार विधानमंडल में बीते 27 फरवरी से बजट सत्र चल रहा है. बजट सत्र के दौरान बीते गुरुवार और आज शुक्रवार को विपक्षी सदस्य भाजपा द्वारा तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर जानलेवा हमले को लेकर विपक्ष के नेता अपनी मांगों को लेकर सदन में खूब हंगामा मचा रहे हैं. इतना ही वो लोग अपनी मांगों को लेकर सदन की कार्यवाही का विरोध जताते हुए वॉक आउट भी कर दिया है. विपक्ष के भारी विरोध के सीएम नीतीश ने भाजपा की मांगों को मान लिया है.
बिहार विधानसभा के नेता विपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बजट सत्र के आज पांचवें दिन भोजनावकाश के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने उनके कक्ष में गए. इन दोनों नेताओं के इस मुलाकात के बाद नेता विपक्ष ने बताया कि मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात सकारात्मक रही है और तमिलनाडु मामले में जांच के लिए बिहार से टीम भेजे जाने के बात कही गई है.
विजय सिन्हा के साथ भाजपा के पांच अन्य विधायक भी सीएम से मिलने पहुंचे थे. नीतीश कुमार ने इन लोगों को यह भरोसा दिया है कि सरकार अपनी तरफ से एक टीम तमिलनाडु भेजेगी. इसको लेकर सीएम ने राज्य के डीजीपी को निर्देश दे दिया है.
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. यह खबर अखबारों में भी छपी. इसका संज्ञान लेते हुए नीतीश कुमार ने गुरुवार को तमिलनाडु की घटना पर चिंता जताते हुए ट्वीट किया. साथ ही मुख्य सचिव और डीजीपी को तमिलनाडु के आला अधिकारियों से बात कर वहां काम करने वाले बिहार के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
हालांकि, कुछ घंटे बाद तमिलनाडु पुलिस ने दावा किया कि बिहार के मजदूरों को मारे जाने के संबंध में सोशल मीडिया पर जो वीडियो चल रहे थे, वे फर्जी हैं. इसी कारण से सवाल खड़े हो रहे हैं कि कैसे बिहार के सीएम सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी खबरों के शिकार हो गए? विधानसभा के बजट सत्र में आज विपक्षी भाजपा विधायकों ने इस मामले को पुरजोर तरीके से रखा. इसके चलते मुख्यमंत्री को तमिलनाडु जांच टीम भेजने के लिए बाध्य होना पड़ा. हालांकि, उप मुख्यमंत्री यह बयान दे चुके हैं कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूर सुरक्षित हैं.
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