डिस्ट्रिक्ट पीजीआरओ ने दोनों सीडीपीओ पर की 25 सौ रुपए अर्थदंड की अनुशंसा
सूरज कुमार
----------------
गया: सीडीपीओ शेरघाटी द्वारा भाड़े की गाड़ी के मालिक सह ड्राइवर का भुगतान न करने पर मालिक सह ड्राइवर द्वारा जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में आवेदन देकर अपने पैसे की मांग की गुहार लगाई गई।जिसके आलोक में नोटिस निर्गत होने के उपरांत सीडीपीओ शेरघाटी द्वारा प्रतिवेदन समर्पित किया गया, जिसमें प्रतिवेदित किया गया कि वाहन का लाॅगबुक अप्राप्त रहने के कारण वाहन ईंधन मद से राशि की निकासी नहीं की गई.पीएफएमएस सॉफ्टवेयर पर वाहन ईंधन का आवंटन प्राप्त होता है, जिसकी निकासी 90 दिन के अन्दर नहीं होने पर राशि स्वतः वापस हो जाती है.तत्कालीन सीडीपीओ शेरघाटी मधुरिमा सिंह द्वारा स्थानान्तरण के पश्चात् एवं निर्धारित अवधि के बाद लाॅगबुक को कार्यालय को उपलब्ध कराया गया, जबकि उसके पूर्व ही आवंटन वापस हो चुका था.
लाॅगबुक अप्राप्त रहने के कारण वाहन ईंधन की राशि की निकासी करना नियमसंगत नहीं था.
विदित हो कि लाॅगबुक अप्राप्त रहने के कारण वाहन ईंधन की राशि की निकासी करना नियमसंगत नहीं था.पुनः वाहन ईंधन मद में राशि की मांग हेतु डीपीओ गया के कार्यालय को पत्राचार किया गया एवं डीपीओ द्वारा निदेशालय से आवंटन की मांग की जा चुकी है.आवंटन प्राप्त होते ही शीघ्र परिवादी के बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा.
फोन पर बताया गया कि राशि स्वतः वापस नहीं होती है, जिसने भी प्रतिवेदन दिया है गलत दिया है. जबकि इस मामले में सुनवाई के दौरान जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुबोध कुमार द्वारा इस संबंध में कोषागार पदाधिकारी, गया से दूरभाष पर बात करने पर बताया गया कि राशि स्वतः वापस नहीं होती है, जिसने भी प्रतिवेदन दिया है, गलत दिया है. साथ ही, राशि वापसी संबंधी कोई प्रमाण भी लोक प्राधिकार द्वारा नहीं दिया गया है.जिससे स्पष्ट है कि दोनों सीडीपीओ (पूर्व एवं वर्तमान) इस संबंध में दोषी हैं.क्योंकि इन दोनों के कारण परिवादी को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.उक्त मामले में नाराजगी जताते हुए पूर्व एवं वर्तमान दोनों सीडीपीओ को 2500-2500/- ₹ शास्ति की अनुशंसा की गई.साथ ही कहा गया कि आदेश की प्रति डीएम,गया को भेजें.
परिवादी के द्वारा जताया गया आभार
आदेश होने के बाद परिवादी द्वारा डीपीजीआरओ के प्रति आभार जताते हुए बताया गया कि उनका 93265 ₹ बकाया था,जिसमें 83200 ₹ का भुगतान हो गया है.शेष 10065 ₹ का भी भुगतान आवंटन आते ही हो जाएगा.उन्होंने इसके लिए युवा शक्ति अखबार का भी आभार जताया कि लोक शिकायत से जुड़े मुद्दों को वे बराबर उठाते रहते हैं.
आदेश होने के बाद परिवादी द्वारा डीपीजीआरओ के प्रति आभार जताते हुए बताया गया कि उनका 93265 ₹ बकाया था,जिसमें 83200 ₹ का भुगतान हो गया है.शेष 10065 ₹ का भी भुगतान आवंटन आते ही हो जाएगा.उन्होंने इसके लिए युवा शक्ति अखबार का भी आभार जताया कि लोक शिकायत से जुड़े मुद्दों को वे बराबर उठाते रहते हैं.
Post a Comment