सम्राट अशोक की जयंती के बहाने जदयू ने झोंकी ताकत

 जेडीयू की बीजेपी को दो टूक 

नीतीश कुमार किसी की कृपा पर नहीं, जनता के आशीर्वाद से सीएम बने हैं


युवा शक्ति संवाददाता

पटनाः  सम्राट अशोक की जयंती के बहाने जदयू ने भी अपनी ताकत से सहयोगी पार्टियों को अवगत कराना शुरू कर दिया है. जयंती समारोह में मुख्य अतिथि की हैसियत से पहुंचे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि नए बिहार में चल रही नीतीश सरकार किसी पार्टी या व्यक्ति विशेष की कृपा पर नहीं चल रही है. नीतीश कुमार की सरकार जनता की ताकत पर चल रही है और अपने काम बूते जनता का विश्वासपात्र बनी हुई है. उन्होंने कहा कि 2005 के बाद नए बिहार के निर्माण की नींव रखी गई थी और आज नया बिहार राष्ट्र ही नहीं दुनिया के सामने खड़ा है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश सरकार को अपने कार्यों की गिनती करवाने की जरूरत नहीं. पंचायती राज में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर आधी आबादी को समाज की मुख्यधारा में लाया है. उनके लिए जीविका का गठन किया. नीतीश कुमार द्वारा अतिपिछड़ों के लिए किए गए कार्यों को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियां अतिपिछड़ों के पीछे चल रही हैं और अतिपिछड़ा समुदाय अपने नेता नीतीश कुमार के पीछे चल रहे हैं. नीतीश की ताकत बिहार की जनता है. जब तक जनता का आर्शीवाद रहेगा कोई दांए-बांए नहीं कर सकेगा. बिहार में सीएम के पद पर वैकेंसी के मसले को लेकर बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल और जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बीच काफी बयानबाजी हाल के दिनों में हुई है. संजय जायसवाल ने कहा था कि 2025 में एनडीए के दल मिलकर सीएम पद के लिए चेहरा तय करेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा में इस पद के लिए कई चेहरे हैं. दूसरी तरफ, उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि जदयू की ओर से सीएम पद के लिए नीतीश कुमार के नाम पर कोई संशय नहीं है.  


सम्राट अशोक की छवि धूमिल करने का प्रयास : उपेन्द्र

पटनाः  बिहार भाजपा के एक दिन बाद शनिवार को जदयू ने भी सम्राट अशोक की जयंती पटना में मनाई. इस मौके पर जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि महापुरुषों की जयंती मनाई जानी चाहिए. सम्राट अशोक के छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. कुछ नेता लगातार अलग तरह के बयान देते रहते हैं. कुछ लोग गलत तरह की परंपरा की शुरुआत करने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि एक साहित्यकार ने तो सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से कर दी थी जो सही नहीं है. वैसे लोगों को पुरस्कृत भी किया गया था. हम सबने इसका विरोध भी किया था. सभी राजनीतिक दलों ने विरोध किया लेकिन उसके पुरस्कार की वापसी नहीं कराई गई. जब तक साहित्यकार दया प्रकाश की पुरस्कार वापसी नहीं होगी तब तक यह मांग जारी रहेगी. सीएम नीतीश ने सम्राट अशोक के लिए काफी कुछ किया. भाजपा के नेता ने सम्राट अशोक की जयंती पर सार्वजनिक छुट्टी की भी घोषणा कर दी. राजग की सरकार ने नहीं, बल्कि महागठबन्धन की सरकार में यह फैसला किया गया था. कुशवाहा ने कहा कि जातीय जनगणना अगर नहीं हुआ तो हम सबका आरक्षण छीन लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सिर्फ होर्डिंग लगाने और भाषण देने से कुछ नहीं होने वाला है. जातीय जनगणना को लेकर पार्टी आगे बढ़े. हम सभी लोगों से चर्चा करने के लिए गांव-गांव तक जाकर चर्चा करने को तैयार हैं.

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