कोलकाता नगर निगम चुनाव : हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच 63.63 प्रतिशत मतदान


कोलकाताः कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के बाहर देसी बम फेंके जाने समेत हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच शाम पांच बजे तक लगभग 40.5 लाख मतदाताओं में से 63.63 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। राज्य निर्वाचन आयोग और पुलिस ने चुनाव को शांतिपूर्ण बताया, वहीं विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिंसा से प्रभावित चुनाव को रद्द करने की मांग की। कोलकाता के सियालदह और खन्ना इलाकों में बम फेंके जाने की दो घटनाएं हुईं और स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस दलों को घटनास्थल पर भेजा गया। राज्य के निर्वाचन आयुक्त सौरव दास ने बताया, शाम पांच बजे तक कुल 63.63 प्रतिशत मतदान हुआ। कुछ घटनाओं को छोड़कर अभी तक मतदान शांतिपूर्ण रहा है। आयोग के अधिकारियों ने कहा कि अंतिम मतदान प्रतिशत का विवरण सोमवार को उपलब्ध होगा क्योंकि मतदान समाप्त होने के समय शाम पांच बजे वोट देने के लिए लोग कतार में थे। आयोग ने दावा किया कि घटना में केवल एक व्यक्ति घायल हुआ है, जबकि पुलिस ने बताया कि तीन लोग घायल हुए हैं, जिनमें से एक ने अपना पैर गंवा दिया है। पुलिस ने बताया कि मतदान के दौरान शांति भंग करने के आरोप में अभी तक 72 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।


तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर चुनावों के दौरान हिंसा में सत्तारूढ़ पार्टी का कोई भी नेता शामिल पाया जाता है तो 24 घंटे के भीतर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बनर्जी ने मतदान के बाद पत्रकारों से कहा, हम हिंसा के किसी भी रूप का समर्थन नहीं करते और अगर टीएमसी का कोई नेता स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया को रोकने में शामिल पाया जाता है, तो 24 घंटे के भीतर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मैं मीडिया से इस संबंध में फुटेज और सबूत मुहैया कराने का अनुरोध करता हूं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकतंत्र के त्योहार में लोगों के भाग लेने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, लोग मतदान कर रहे हैं जैसे कोई त्योहार हो। लोकतंत्र में चुनाव एक सामूहिक उत्सव होता है। इसलिए लोग मतदान कर रहे हैं, हम इससे खुश हैं।


राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के एक आदेश का पालन करते हुए चुनाव के दौरान मतदान के लिए जाते वक्त उनके सुरक्षाकर्मी बूथ के बाहर खड़े रहे। उन्होंने कहा, मेरे सुरक्षा कर्मियों ने शनिवार रात को जारी आदेश का पालन किया...राज्य निर्वाचन आयुक्त सौरव दास ने केवल दो लोगों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी को ही यह सुविधा दी है। उन्होंने कहा, मैंने दो बार सौरव दास को फोन किया और उन्हें यह बताने की कोशिश की कि मतदान शांतिपूर्ण तरीके से और बिना किसी डर के हो तथा प्रशासन इसमें किसी भी तरीके से हस्तक्षेप न करें।

भाजपा और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने कई वार्ड में विपक्षी दलों के बूथ एजेंट को मतदान केंद्रों में प्रवेश करने से रोका। हालांकि, सत्तारूढ़ पार्टी ने इस आरोप को निराधार बताया है। माकपा कार्यकर्ताओं ने बाघा जतिन इलाके में सड़क अवरुद्ध करते हुए आरोप लगाया कि उनके चुनाव एजेंट को बूथ के अंदर नहीं जाने दिया गया। भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने एलान किया कि वह चुनावों में हिंसा और कदाचार के खिलाफ राज्य भर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेगी। राज्यपाल धनखड़ से मिलने के लिए भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पूरी चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की, क्योंकि चुनाव को सत्तारूढ़ सरकार द्वारा एक तमाशा बना दिया गया है। कोलकाता के पूर्व महापौर और वरिष्ठ टीएमसी नेता फरहाद हाकिम ने आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, भाजपा जानती है कि उन्हें चुनावों में हार मिलेगी इसलिए वे अब ऐसे बहाने बना रहे हैं। कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर चुनाव शांतिपूर्ण रहे हैं।


इससे पहले, साल्ट लेक क्षेत्र के एक आवास के बाहर काफी अफरातफरी रही, जहां शुभेंदु अधिकारी पार्टी विधायकों के साथ बैठक कर रहे थे। बिधाननगर सिटी पुलिस ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और विधायकों को राजभवन के लिए जाने से रोक दिया, जहां उनका राज्यपाल से मिलने का कार्यक्रम था। अधिकारी ने कहा, तृणमूल कांग्रेस सरकार की पुलिस ने मुझे जाने नहीं दिया। हमें अवैध रूप से नजरबंद रखा गया था। मैं इसकी निंदा करता हूं। बाद में उन्होंने हमें अनुमति दी। आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, हाकिम ने कहा, इनमें से कोई भी नेता कोलकाता का निवासी नहीं है। इसलिए उन्हें मतदान के दिन नियमों के अनुसार शहर में अनुमति नहीं दी जाएगी। हाकिम ने कहा कि भाजपा झूठा दावा कर रही है कि विपक्ष के नेता और 20 अन्य को नजरबंद किया गया। भाजपा के कुछ विधायकों ने यह भी दावा किया कि कोलकाता में विधायक हॉस्टल के गेट बंद थे।

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, हम केएमसी चुनावों में हिंसा के खिलाफ राज्यभर में शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करेंगे। राज्य प्रशासन की मदद से जिस तरीके से वोटों की लूट हुई है, वह हमारे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। इसलिए हमने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए केंद्रीय बलों को तैनात करने के लिए कहा था। वहीं, वाममोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने कहा कि वाम दल सोमवार से राज्यभर में दो दिवसीय प्रदर्शन का आयोजन करेंगे।


वार्ड नंबर 22 में भाजपा की मौजूदा पार्षद और कोलकाता की पूर्व उप महापौर मीना देवी पुरोहित ने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया। हालांकि, टीएमसी ने आरोप से इनकार किया है। वार्ड नंबर 45 में कांग्रेस ने टीएमसी पर फर्जी मतदाताओं को लाने का आरोप लगाया और दोनों दलों के कार्यकर्ताओं बीच झड़प हुई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बूथ के भीतर कांग्रेस पार्षद संतोष पाठक के चुनावी एजेंट अमिताभ चक्रवर्ती की पिटाई की। वार्ड के जैन स्कूल बूथ में टीएमसी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबर आयी। बाद में पुलिस ने स्थिति को काबू में किया। टीएमसी ने केएमसी चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पार्टी उम्मीदवारों को बल का प्रयोग करने के खिलाफ आगाह किया था और कहा था कि जो भी हिंसा में शामिल पाया जाएगा, उसे पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा।


अधिकारियों ने बताया कि रविवार सुबह सात बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और कोविड-19 रोधी दिशा-निर्देशों के सख्ती से पालन के बीच मतदान शुरू हुआ। चुनाव में कुल 40,48,357 योग्य मतदाता हैं और 950 उम्मीदवार मैदान में हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने 4,949 मतदान केंद्रों में से 1,139 को संवेदनशील घोषित किया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता पुलिस के लगभग 23,500 कर्मियों को शहरभर में तैनात किया गया है और शहर में महत्वपूर्ण स्थानों पर 200 से अधिक पुलिस चौकियां भी स्थापित की गई हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस लगातार तीसरी बार निकाय बोर्ड में बने रहने के लिए चुनाव लड़ रही है। मतगणना 21 दिसंबर को होगी।

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