Kolkata Durga puja 2021: कोलकाता के पंडाल में मां दुर्गा को पहनाई गई सोने की जड़ी वाली खूबसूरत साड़ी

दुर्गा पूजा के अवसर पर इस बार कोलकाता के पंडाल में मां दुर्गा की मूर्तियों को विशेष रूप में तैयार किया गया है। मूर्तियों में अलग-अलग तरह से सोने का काम किया गया है। देश भर में नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। हर तरफ त्योहार का उत्साह है। घरों से लेकर मंदिरों में लोगों में श्रद्धा और भक्ति की भावना दिख रही है। सात अक्टूबर से कलश स्थापना कर नवरात्रि के पहले दिन विधिवत पूजा की गई। ऐसे में कोलकाता जैसे शहर की बात की जाए, तो यहां का दुर्गा पूजा हर तरफ प्रसिद्ध है। खास कर यहां की पंडाल और मूर्ति का दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।

बता दें कोलकाता में मूर्तियों को तैयार करने का काम शुरू हो गया है, जिसमें कुछ खास मूर्तियों की अनोखी तस्वीरें सामने आई है। इस बार कोलकाता स्थित बागुईआटी में बंधु महल क्लब द्वारा एक पंडाल में मां दुर्गा की मूर्तियों को तैयार किया है। बता दें इस पंडाल में दो मूर्तियां है, जिसमें एक मूर्ति में सोने की आंख लगा कर स्थापित किया गया है। वहीं दूसरी मूर्ति में देवी को सोने की जड़ी वाली साड़ी पहनाई गई है। इन खूबसूरत मूर्तियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। मूर्ति से संबंधित बातों की जानकारी देने के लिए बंधु महल क्लब के एक आयोजक के अनुसार मूर्ति की साड़ी में करीब 6 ग्राम सोना है और मूर्ति की आंखों में करीब 10 से 11 ग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया है। वहीं पंडाल की बात करें, तो इसके पंडाल को तैयार करने में लाखों रुपये खर्च किए गए हैं।

15 अक्टूबर को होगा नवरात्रि का समापन

नवरात्रि सात अक्टूबर से शुरू हुआ है, जिसमें अभिजीत मुहूर्त व सर्वार्थ सिद्धि योग में कलश स्थापना की गई है, जो 15 अक्टूबर दिन शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि एवं रवियोग में विजया दशमी के साथ संपन्न होगा। शास्त्रों के अनुसार इस नवरात्रि में माता अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए डोली पर आ रही हैंI बताया जा रहा है कि माता के इस आगमन से महिलाओं का वर्चस्व बढ़ेगा और मान-सम्मान में वृद्धि होगी है I सभी क्षेत्रो में महिलाओं का जोर होगा I इसके साथ ही माता की विदाई गज पर होगीI गज पर विदाई श्रद्धालुओं के लिए शुभफलकारी और उत्तम वृष्टि कारक होगा I श्रद्धालु अपने घरों में कलश स्थापना कर माता का आह्वान के साथ दुर्गा सप्तशती, दुर्गा सहस्त्र नाम, रामचरितमानस, सुंदरकांड, अर्गला, कवच, कील आदि का पाठ कर रहे हैं I 

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