देश की राजनीति में एक बार फिर तीसरे मोर्चे की संभावनाओं पर चर्चा होने लगी है। किसान आंदोलन और जाति आधारित जनगणना सहित अन्य मसलों को लेकर गैर कांग्रेसी विपक्षी दल एक मंच पर आने की कोशिश में जुटे हैं। जाहिर है इससे बिहार की राजनीति भी अछूती नहीं रह सकती है। संभावित तीसरे मोर्चे के एक बड़े आयोजन में एनडीए सरकार की प्रबल विरोधी ममता बनर्जी, राकांपा चीफ शरद पवार, शिरोमणि अकाली दल से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा जैसे चेहरों को एक साथ आने की तैयारी है। इसमें मजेदार बात यह है कि कार्यक्रम के लिए भाजपा के अनन्य सहयोगी जदयू के नेता और बिहार में एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी बुलावा मिला है।
हरियाणा के जींद में जुटेंगे भाजपा विरोधी गैर कांग्रेसी नेता
यह कार्यक्रम हरियाणा के जींद में पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती पर आयोजित किया जा रहा है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला इसकी अगुवाई कर रहे हैं। इस आयोजन से जुड़ी कुछ और भी खास बातें हैं। गौर करने वाला एक मसला यह भी है कि नीतीश कुमार हाल में ही चौटाला से मिलने पहुंचे थे और दोनों नेताओं ने अपनी नजदीकी का जिक्र किया था। अब अपनी दोस्ती निभाते हुए नीतीश कुमार इस कार्यक्रम में भाजपा के तमाम बड़े विरोधियों के साथ मंच शेयर करते हैं या नहीं, यह वक्त बताएगा। यह कार्यक्रम 25 सितंबर को होना है और जदयू के कुछ नेताओं की मानें तो नीतीश इसमें नहीं जाएंगे।
भाजपा विरोधी मोर्चे के मंच पर लालू को न्योता नहीं
अब तक जो जानकारी मिल रही है, उसमें भाजपा विरोधी दलों के इतने बड़े आयोजन में बिहार के प्रमुख दल राजद को न्यौता नहीं मिला है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी को इस आयोजन के लिए बुलावा मिलने की कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। जबकि ऊपर हमने जितने भी नेताओं के नाम गिनाए हैं, उन सभी को आमंत्रण भेजने का दावा खुद आयोजकों ने किया है। लालू की पार्टी का भाजपा विरोध किसी से छिपा नहीं है। उल्टे यह वैसी पार्टी है, जिसने अब तक कभी भाजपा से समझौता नहीं किया। इसके बावजूद चौटाला के मंच पर इनको न्यौता नहीं मिलना, कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे रहा है।
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