बिहार में बच्‍चों के वायरल बुखार ने बढ़ाई चिंता, चार वायरस ने मिलकर बना लिया है खतरनाक रूप

प्रदेश में मुजफ्फरपुर, सारण, गोपालगंज, सिवान व पश्चिमी चंपारण समेत दर्जनभर जिलों में रहस्यमयी वायरल बुखार (mysterious viral fever) के मामले तेजी से बढ़े हैं। राजधानी के चार प्रमुख अस्पतालों में बुधवार को एक्यूट ब्रांकियोलाइटिस वायरस (Acute Bronchiolitis Virus) से पीडि़त 233 मरीज भर्ती किए गए। निजी अस्पतालों में भी नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) व पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (PICU) के अधिसंख्य बेड भरे हुए हैं। इधर, बुधवार को मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल (SKMCH) में 40 व केजरीवाल अस्पताल में 25 बच्चों को भर्ती कराया गया। इस बीच एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में भर्ती पूर्वी चंपारण जिले के सुगौली निवासी अमित कुमार (11) की एक्सप्रेशनल निमोनिया से मौत हो गई। उसे दो दिन पहले गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया था। 

चार वायरस के मिलने से तेजी से बीमार पड़ रहे बच्‍चे

पटना एम्स में शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डा. लोकेश तिवारी वायरल बीमारी का कारण अज्ञात वायरस को बताते हैं। वहीं, पीएमसीएच शिशु रोग के पूर्व विभागाध्यक्ष तथा एईएस समेत कई महामारी का एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिव प्रोसिजर) बनाने वाले डा. निगम प्रकाश नारायण के अनुसार चार वायरस के गठजोड़ के कारण इस वर्ष वायरल तेजी से फैल रहा है। बीमार बच्चों में फ्लू, एक्यूूट ब्रांकियोलाइटिस (आरएसबी वायरस), वायरल निमोनिया और डेंगू वायरस से पीडि़त होने के लक्षण मिल रहे हैं। ब्रांकियोलाइटिस वायरस के कारण ही बच्चों के फेफड़े संक्रमित हो रहे और उनका दम फूलता है। सामान्यत: ब्रांकियोलाइटिस सामान्य फ्लू के साथ नहीं होता है। बैक्टीरियल के बजाय इस बार वायरल निमोनिया के मामले बढ़े हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी, उल्टी व बुखार हो रहा है। 

हर अस्‍पताल में बड़ी संख्‍या में भर्ती हैं बच्‍चे

पीएमसीएच के शिशु विभाग में पीकू-नीकू को मिलाकर 276 बेड हैं। इनमें 131 पर वायरल बुखार के मरीज हैं, जबकि शेष पर अन्य रोगी। वहीं, एनएमसीएच में शिशु विभाग में 87 बेड हैं और सभी फुल हैं। इसके विपरीत पटना एम्स में शिशु वार्ड में कुल 82 बेड हैं, जिनमें तीन पर बच्चे भर्ती हैं। वहीं, आइजीआइएमएस में शिशु वार्ड में 61 बेड हैं, जिनमें दो वायरल समेत 12 मरीज भर्ती हैं। वहीं गोपालगंज सदर अस्पताल में प्रतिदिन 300 समेत जिले में वायरल बुखार से पीडि़त चार सौ के करीब बच्चे इलाज को अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। बुधवार को सदर अस्पताल में एक और दूसरे बच्चे की पटना ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। कुचायकोट थाना क्षेत्र के भठवा गांव के जवाहरलाल मिश्रा के पुत्र दस वर्षीय अभिषेक कुमार की आज सुबह मौत हो गई। मांझा प्रखंड के धोबवलिया गांव की गुडिय़ा खातून की तीन वर्षीय पुत्री फायका खातून की भी जान चली गई। गया के मगध मेडिकल अस्पताल के शिशु वार्ड में 71 में से 47 बेड फुल हैं जबकि सिवान के सदर अस्पताल में प्रतिदिन 80 से 90 बच्चे पहुंच रहे हैं।  

निपाह और डेल्‍टा प्‍लस के लक्षणों पर रखी जा रही नजर 

दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच में अभी 93 तो केजरीवाल अस्पताल में 82 बच्चों का इलाज चल रहा है। बीते कुछ दिनों में रोटावायरस, इन्फ्लुएंजा वायरस, राइनोवायरस समेत अन्य वायरस का प्रकोप बढ़ा है। इसकी चपेट में आकर ज्यादातर बच्चे बीमार हो रहे हैं।  पीड़‍ित बच्चों में निपाह के साथ डेल्टा प्लस के लक्षण पर भी नजर रखी जा रही है। हालांकि अब तक भर्ती बच्चों में निपाह या डेल्टा प्लस के कोई लक्षण नहीं मिले हैं। आइडीएसपी के राज्य निरीक्षण पदाधिकारी डा.रंजीत कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर के दोनों प्रमुख शिशु रोग अस्पताल प्रबंधन से कहा गया है कि बीमारी बच्चों की जांच गंभीरता से करें। अगर किसी भी बच्चे में निपाह या डेल्टा पल्स का लक्षण दिखाई दे तो उसकी तुरंत जांच कराई जाए। उन्होंने माना कि अभी यह वायरल बुखार ही है। 

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