पंचायत चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों को नामांकन के समय मुकदमों का विवरण देना होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव लडऩे वाले अभ्यर्थियों को नामांकन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने से संबंधित गाइडलाइन भी जारी किया है। अभ्यर्थियों को सक्षम न्यायालय द्वारा दंडित किए जाने से संबंधित या किसी न्यायालय में दर्ज आपराधिक मुकदमे से संबंधित घोषणा पत्र शपथ के रूप में देना होगा। आयोग ने अभ्यार्थियों के बारे में सूचनाएं प्रपत्र क तीन एवं प्रपत्र ख तीन में शपथ पत्र के रूप में भी देना होगा।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के लिए अनारक्षित पद तथा नाम निर्देशन शुल्क संबंधित लाभ प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को जिला, अनुमंडल, प्रखंड व अंचल द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र की मूल प्रति नामांकन पत्र के साथ संलग्न करना होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने अभ्यर्थियों को नामांकन पत्र के साथ कोषागार में जमा किया गया नाम निर्देशन शुल्क का चालान भी साथ में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
दस्तावेज नहीं देने पर नामांकन पत्र होगा रद
प्रखंड कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अगर विभिन्न पदों से चुनाव लडऩे वाले अभ्यार्थियों के द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित किए गए दस्तावेजों में से एक भी कम रहा तो नामांकन पत्र रद किया जा सकता है।
इंटरनेट मीडिया के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों हो रहा प्रचार
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में विकास का दंभ भरना शुरू कर दिए हैं। इसके लिए प्रत्याशी हर तकनीक को अपनाने से नही चूक रहे हैं। प्रत्याशी चुनावी मैदान में जीत दर्ज करने के लिए हर जोर आजमाइश करने पर तुले हैं। पुराने ख्यालात के प्रत्याशी जो कभी इंटरनेट मीडिया का मुंह तक नहीं देखे थे। वह भी पंचायत चुनाव के बहाने फेसबुक व वाट्सएप चलाना सीख रहे हैं। मालूम हो कि पंचायत चुनाव ने ऐसे कई प्रत्याशियों को इंटरनेट मीडिया के करीब ले आया। जो कभी इंटरनेट मीडिया से अवगत भी नहीं थे। आज उसी के जरिए अपना विकास का दंभ भर रहे हैं। फेसबुक और वाटसएप के माध्यम से मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद कर रहे हैं।
इंटरनेट मीडिया पर नजर आ रहे ऐसे प्रत्याशी आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे प्रत्याशी प्रतिदिन नए-नए अंदाज में फोटो खींचकर विकास के दावों के साथ इंटरनेट मीडिया पर अपना पोस्ट लगातार डाल रहे हैं। ताकि आधुनिकता के दौर में युवा मतदाता उससे जुड़े रहे और प्रतिदिन आमने-सामने नहीं होने पर भी इंटरनेट मीडिया के माध्यम से हर किसी के बीच संवाद पहुंचते रहे। कई प्रत्याशी चुनाव प्रचार व जनसंपर्क के दौरान अपने सभी गतिविधि को भी फेसबुक व वाट्सएप के माध्यम से वायरल कर रहे हैं। यह भी देख रहे हैं कि किस पोस्ट पर कितना लाइक व कितना कमेंट्स मिला। इस पर पैनी नजर रखकर हर कमेंट्स के जवाब देने में भी काफी रूचि दिखा रहे हैं।
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