एम्स पटना (AIIMS, Patna) चिकित्सा के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित करता जा रहा है। कल तक महानगरों में होने वाली रोबोटिक सर्जरी अब पटना एम्स में भी धरातल पर उतरी। हालांकि अभी इसका डेमो किया गया है। यहां रोबोट से 65 वर्षीया महिला के ब्रेन ट्यूमर का सफल आपरेशन (Brain Tumor Surgery by Robot) किया गया। राज्य में सरकारी अस्पताल में यह पहली रोबोट सर्जरी है।
ढाई घंटे में हटाया गया ब्रेन ट्यूमर
एक कंपनी की ओर से डेमो के लिए रोबोट को एम्स भेजा गया था। इस बीच, पटना की ही एक महिला अपने ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी के लिए एम्स पहुंची। न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. विकास चंद्र झा ने रोबोट से सर्जरी करने का फैसला किया। इसके बाद सोमवार को महिला का सफलतापूर्वक ढाई घंटे में आपरेशन किया। शनिवार को महिला को डिस्चार्ज कर दिया गया।
रोबोट ऐसे करता है कार्य
रोबोट (ओटो गाइडेड) न्यूरो नेविगेशन में पहले से ही मरीज के दिमाग के एमआरआइ और सीटी स्कैन के इमेज डाले जाते हैं। रोबोट फिक्स आर्म से 0.1 मिलीमीटर एक्यूरेसी के साथ ट्यूमर तक सुरक्षित पहुंच जाता है। इसकी जांच आपरेशन के दौरान सीटी स्कैन मशीन से दोबारा की जाती है। इससे यह पता चल जाता है कि यह सटीक जगह पर पहुंच गया है ताकि सर्जरी के दौरान दिमाग के अन्य हिस्सों को नुकसान न पहुंचे। नार्मल रूप से जिस सर्जरी में 10-12 घंटे लगते हैं, इससे तीन से चार घंटे में संभव है।
आइजीआइएमएस में कूसा से गाल ब्लाडर के कैंसर की सर्जरी
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में 40 वर्षीय महिला का सफलता पूर्वक पित्त की थैली (गॉल ब्लाडर) का कैंसर का दूरबीन विधि से किया गया। इस आपरेशन के दौरान लिवर का कुछ पार्ट को भी निकालना पड़ा। इसमें अत्याधुनिक नाइफ ''''कुसा'''' के उपयोग से महज ढाई घंटे में ही सफलता पूर्वक आपरेशन किया गया। चिकित्सा अधीक्षक सह गैस्ट्रो सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. मनीष मंडल ने बताया कि नालंदा जिले के 40 वर्षीया महिला सरिता कुमारी को मार्च महीने में पेट दर्द की शिकायत थी। इसके बाद 29 जुलाई को वह आइजीआइएमएस में भर्ती हुई। जहां आवश्यक जांच व सीटी स्कैन से यह पता चला कि उसे गॉल ब्लाडर का कैंसर है। इसके बाद दूरबीन विधि से कुसा नाइफ के उपयोग करते हुए सफल आपरेशन किया गया। विभाग के डा. राकेश कुमार सिंह के नेत@तव में हुए आपरेशन में विभाग के डा. तुषार सिंह व डा. लाजपत अग्रवाल, निश्चेतना विभाग के डा. विभा, डा. स्वाति ने सहयोग दिया। सफल आपरेशन पर निदेशक
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