बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जनगणना में जाति का का कालम शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। अपने पत्र में जिक्र किया है कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री उनकी मांग पर फैसला लेंगे। इस पत्र को लिखने के बाद उन्होंने राजद के पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि उनकी मांग देश, राज्य और आम जन के हित में है। उन्होंने कहा कि बिहार और दिल्ली दोनों जगह एनडीए के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार है। सरकार इस बात पर जल्द निर्णय ले।
उन्होंने कहा कि राजद ने जाति आधारित जनगणना के मसले पर सदन से सड़क तक संघर्ष किया है। उन्होंने इस मसले पर बिहार विधानसभा से दो बार प्रस्ताव पारित किए जाने का उल्लेख भी किया। तेजस्वी ने कहा कि दोनों बार बिहार में सदन ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर जाति आधारित जनगणना की मांग की। इसमें भाजपा सहित बिहार के सभी राजनीतिक दलों की सहमति रही।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर भी उन्होंने यह मसला उठाया है। उनके साथ तमाम विपक्षी दलों के लोग भी थे और मुख्यमंत्री ने इस बारे में सकारात्मक आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने जाति आधारित जनगणना पर बात करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर मुलाकात के लिए समय मांगा है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री को मिलने के लिए अब तक समय नहीं दिया है, जबकि वे दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिल रहे हैं।
तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री का बिहार के मुख्यमंत्री को इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर मिलने के लिए समय नहीं देना उनका अपमान है। प्रधानमंत्री दूसरे मुख्यमंत्रियों से मिल रहे हैं तो बिहार के मुख्यमंत्री से क्यों नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री के पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो मैंने भी उन्हें पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री से मिलना तो दूर उन्हें मिलने के लिए समय तक नहीं दिया जा रहा है।
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