अगर आप भी नेशनल हाईवे-2 से गुजर रहे हैं तो सावधान हो जाइये। इन दिनों हाईवे-2 के अधिकांश हिस्से बड़े-बड़े गड्ढों से पट गये हैं। खासकर बारिश में हाल काफी खतरनाक होता जा रहा है। केवल गड्ढे ही नहीं कई जगहों पर तो हाईवे के डिवाइडर पर पशु घास चर रहे हैं जो दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं।
वैसे नेशनल हाई वे 2 काफी विस्तार में है, लेकिन यहां हम बात कर रहे हैं आसनसोल, रानीगंज, दुर्गापुर, गलसी, बर्द्धमान की स्थिति की। जैसा कि हाईवे पर वाहनों की स्पीड अन्य रास्तों की तुलना में अधिक होती है। ऐसे में अचानक से सामने बड़े गड्ढे या फिर कोई जानवर आ जाये तो अंजाम कितना खतरनाक हो सकता है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। दुर्गापुर, बर्द्धमान, जामुड़िया, आसनसाेल को जाते हुए रास्ते में एक के बाद एक गड्ढे देखे जा रहे हैं। ऐसे में कब तक इस समस्या का समाधान होगा, इस बारे में प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई (डानकुनी, धनवाद, डुमरी) मो. शेख मल्लिक ने बताया कि इस ओर काम जारी है। बारिश खत्म होने के बाद स्थिति में पूरी तरह से सुधार आ जायेगी।
अक्टूबर तक खाने पड़ेंगे हिचकोले
अक्टूबर से पहले स्थिति सुधार के आसार कम है। हाई वे के कुछ जगहों पर तो पीच की परत ही उखर चुकी है। वरिष्ठ एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के कारण हाई वे गड्ढे हो गये हैं। इससे पहले काम भी हुआ था, लेकिन बारिश के कारण काम में बाधा पहुंच रही है। अक्टूबर से काम में तेजी आयेगी। इसके लिए बड़े एक प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।
हाईवे से पशुओं को हटाने में वॉलिंटियर्स के छूट रहे हैं पसीने
नेशनल हाईवे-2 पर ड्यूटी में तैनात एक ट्रैफिक वॉलिंटियर्स ने कहा कि बारिश के मौसम में काफी परेशानी होती है, क्योंकि हाई वे डिवाइडर पर घास होने से आसापास इलाके से पशु चरने के लिए आ जाते हैं। पशुओं के अचानक आ जाने से दुर्घटना होने का डर बना रहता है। एक वॉलंटियर्स ने कहा कि पशुओं को हटाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
4200 करोड़ का प्रोजेक्ट शुरू होगा जल्द
प्रोजेक्ट डायरेक्टर मो. शेख मल्लिक ने बताया कि जल्द ही हाईवे 2 के (डानकुनी से पानागढ़) के 6 लेन का काम शुरू होगा। इसी प्रोजेक्ट के तहत सभी गड्ढों की मरम्मत होगी। हाई वे के दोनों ओर फेंसिंग का काम होगा ताकि कोई जानवर नहीं आ सके। 4200 करोड़ का यह प्रोजेक्ट अक्टूबर से शुरू होगा। डानकुनी से आसनसोल तक स्थिति काफी खतरनाक है। नेशनल हाईवे-2 पर गड्ढों की खासी भरमार है। इसके फलस्वरूप वाहनों में टूटफूट की समस्या बढ़ने से वाहन मालिकों को खासा नुकसान हो रहा है।
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