केंद्र में सरकार के कामकाज में सुधार के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने भले ही पुराने नेताओं की जगह सफल पेशेवरों को नियुक्त किया हो, लेकिन बंगाल से चुने गए चार मंत्रियों को लेकर भाजपा की गहरी रणनीति हो सकती है। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व बंगाल से एक साथ चार सांसदों को मंत्री बना कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विभिन्न मोर्चे पर टक्कर देने के लिए तैयार है। भाजपा स्पष्ट रूप से 2024 के लोकसभा और 2026 के बंगाल चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बने भाजपा सांसद निशिथ प्रमाणिक चुनाव बाद हिंसा व कानून-व्यवस्था तथा खासकर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले को लेकर काफी मुखर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डिप्टी के रूप में, वह निश्चित रूप से कानून और व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि न केवल बंगाल की खराब कानून व्यवस्था की स्थिति को उजागर किया जा सके, बल्कि भाजपा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके, जिनमें से कई तृणमूल के हमलों से बचने के लिए पार्टी छोड़ रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि तृणमूल की आक्रामकता का सामना करने वाले भाजपा कार्यकर्ता अब वादों से खुश नहीं हैं। वे चाहते हैं कि भाजपा में प्रभावी संरक्षण मिले। मंत्री बनने के बाद प्रमाणिक गृह राज्य मंत्री के रूप में वह राज्य प्रशासन, खासकर पुलिस पर दबाव बना सकते हैं। क्योंकि, वह काफी आक्रामक रहते हैं। प्रमाणिक और चाय बागान श्रमिकों के बीच से आए सांसद जान बार्ला दोनों ही उत्तर बंगाल से हैं, जहां भाजपा ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, यह महत्वपूर्ण है।
शांतनु ठाकुर का उत्थान विशाल मतुआ समुदाय में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने के लिए हुआ है, जितना कि डाक्टर सुभाष सरकार का उद्देश्य बांकुड़ा-पुरुलिया, झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर बेल्ट में पार्टी की स्थिति को मजबूत करना है, जहां आदिवासियों के वोट भाजपा को मिले हैं। जैसे उत्तर बंगाल में राजवंशी और दार्जिलिंग की पहाड़ियों में गोरखा।
Post a Comment