लोजपा किसकी! पारस गुट ने राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष पद से हटाया तो चिराग ने पांच सांसदों को किया बाहर

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पर कब्जा को लेकर कसरत तेज हो चुकी है। मान-मनौव्वल का दौर खत्म हो गया। अब चाचा-भतीजा (पशुपति पारस-चिराग पासवान) के बीच सियासी दांव-पेंच के साथ आर-पार की लड़ाई शुरू हो गयी है। लोजपा दो खेमे में बंट चुकी है। लोजपा  संसदीय दल के नये नेता पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्य समिति की आपात बैठक (National Executive Meeting) कर चिराग पासवान (Chirag Paswan) को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से भी बेदखल कर दिया। इसके थोड़ी ही देर बाद चिराग ने पारस समेत पार्टी के पांच सांसदों को बाहर करने का ऐलान कर दिया। पार्टी पर असली कब्‍जा अब किसका होगा, ये आगे समझिए।

एक व्‍यक्ति, एक पद का दिया हवाला

पारस खेमा ने पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सूरज सिंह उर्फ सूरज भान सिंह (Ex MP Surajbhan Singh) को लोजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। पारस ने बताया कि लोजपा की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि पार्टी के संविधान के तहत 'एक व्यक्ति, एक पद' का प्रविधान सभी के लिए है। इसीलिए संविधान के आलोक में सर्वसम्मति से चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ही चुनाव अधिकारी रहेंगे। कार्यसमिति ने कार्यकारी अध्यक्ष सूरज भान सिंह अधिकृत किया कि पांच दिनों के अंदर राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव संपन्न कराएं।

चिराग ने खुद भी दिया था पद छोड़ने का प्रस्‍ताव

इससे पहले चिराग ने खुद ही राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का पद छोड़ने का प्रस्‍ताव दिया था, लेकिन उन्‍होंने अपनी मां और दिवंगत नेता राम विलास पासवान की पत्‍नी रीना पासवान को राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बनाने की शर्त रखी थी। अब उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्‍व वाले गुट ने पांच दिनों के अंदर नए राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का चुनाव कराने का एलान भी किया है। सूरजभान को ही नया चुनाव अधिकारी भी घोषित किया गया है।

लोजपा में उठापटक का फिलहाल अंत नहीं

लोजपा में बगावत की शुरुआत रविवार को ही हो गई थी। रविवार को ही खबरें आईं कि लोजपा के छह में से पांच सांसदों ने लोकसभा अध्‍यक्ष से मिलकर अपने नए नेता को चुन लिये जाने की सूचना दी है। दिवंगत नेता राम‍ विलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को लोजपा संसदीय दल का नया नेता चुना गया था। इसे लोकसभा अध्‍यक्ष ने भी मान्‍यता दे दी है। अब पार्टी पर कब्‍जे को लेकर बागी गुट ने कदम आगे बढ़ा दिए हैं।

कौन हैं सूरजभान, ये भी जानिए

सूरजभान लोजपा के पुराने साथी हैं, लेकिन लंबे समय से चुनावी राजनीति से बाहर हैं। हालांकि वे पार्टी के लिए रणनीति बनाने में हमेशा अहम भूमिका अदा करते रहे हैं। उनकी गिनती बिहार के बाहुबली नेताओं में की जाती है। 5 मार्च 1965 को पटना जिले के मोकामा दियारा में उनका जन्‍म हुआ। एक वक्‍त इलाके में उनकी दहशत होती थी। बाद में वे मुख्‍य धारा की राजनीति में आ गए। वे विधायक और सांसद भी रह चुके हैं। वे राम विलास के महत्‍वपूर्ण सहयोगियों में एक रहे हैं। वे फिलहाल लोजपा के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष थे। अब बागी गुट ने उन्‍हें कार्यकारी अध्‍यक्ष और चुनाव अधिकारी बनाया है।

जानिए आगे और क्‍या हैं आसार

लोजपा के बागी गुट ने जल्‍द ही राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाए जाने की बात कही है। इसमें पार्टी के नए राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का चुनाव किया जाएगा। ऐसी उम्‍मीद जताई जा रही है कि पशुपति कुमार पारस को ही नया राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष भी चुना जाता है। लोजपा के स्‍थापना काल के बाद 25 वर्षों से अधिक समय तक राम विलास पासवान खुद ही पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष रहे। उन्‍होंने खुद ही चिराग को नया राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बनाने की घोषणा की थी।

बागी गुट के लिए आसान नहीं होगा रास्‍ता

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान अपनी नीति को लेकर चिराग पार्टी के ज्‍यादातर नेताओं से नाराजगी मोल ले चुके हैं। उनकी पार्टी का बिहार में अब न तो एक भी विधायक है और न हीं विधान पार्षद। पार्टी के पास बिहार में केवल छह सांसद ही बचे थे। इनमें पांच ने अलग रास्‍ता पकड़ लिया है और खुद चिराग ने भी सभी को बाहर करने का एलान कर दिया है। चिराग गुट के पास अब अकेले सांसद वे खुद हैं। अब य‍ह पूरी तरह तय हो गया है कि पार्टी दो गुटों में बंट जाएगी।

बागी गुट के लिए आसान नहीं होगा रास्‍ता

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान अपनी नीति को लेकर चिराग पार्टी के ज्‍यादातर नेताओं से नाराजगी मोल ले चुके हैं। उनकी पार्टी का बिहार में अब न तो एक भी विधायक है और न हीं विधान पार्षद। पार्टी के पास बिहार में केवल छह सांसद ही बचे थे। इनमें पांच ने अलग रास्‍ता पकड़ लिया है और खुद चिराग ने भी सभी को बाहर करने का एलान कर दिया है। चिराग गुट के पास अब अकेले सांसद वे खुद हैं। अब य‍ह पूरी तरह तय हो गया है कि पार्टी दो गुटों में बंट जाएगी।

कल पटना पहुंच रहे हैं पारस

पारस ने बताया कि बुधवार को वे पटना पहुंच रहे हैं और यहीं पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी करेंगे। पार्टी के संसदीय दल के नेता पद और अब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से बेदखल किए जाने के बाद चिराग पासवान ने भी मंगलवार की शाम दिल्ली स्थित 12 जनपथ सरकारी आवास पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर आगे की रणनीति पर लंबी मंत्रणा की।


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