केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि किसी राज्य को कोरोना रोधी टीकों का आवंटन उसकी आबादी, केस लोड, इस्तेमाल की दक्षता और वैक्सीन की बर्बादी कारकों के आधार पर किया जाता है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिसमें कोविड-19 रोधी वैक्सीन के गैर-पारदर्शी वितरण का आरोप लगाया गया था। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को कोरोना रोधी टीकों के गैर-पारदर्शी वितरण का आरोप पूरी तरह से बिना किसी आधार के हैं।
केंद्र सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि वैक्सीन की बर्बादी से आवंटन नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जनसंख्या, केस लोड, उपयोग दक्षता और अपव्यय कारकों के आधार पर पारदर्शी तरीके से कोविड-19 रोधी टीकों का आवंटन जारी रखे हुए है। मंत्रालय ने कहा कि भारत का राष्ट्रीय कोविड रोधी टीकाकरण कार्यक्रम वैज्ञानिक और महामारी विज्ञान और WHO के दिशानिर्देशों के आधार पर बनाया गया है। इसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और लोगों की भागीदारी के माध्यम से चलाया जा रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में राज्यों को COVID-19 रोधी टीकों के गैर-पारदर्शी आवंटन का आरोप लगाया गया है। ऐसे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। भारत सरकार पारदर्शी तरीके से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को COVID-19 रोधी टीकों का आवंटन करना जारी रखे हुए है। भारत सरकार द्वारा वैक्सीन की आपूर्ति, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के द्वारा खपत, उनके पास उपलब्ध वैक्सीन की खुराक के साथ-साथ पाइपलाइन में वैक्सीन की आपूर्ति के बारे में जानकारी नियमित रूप से साझा की जाती है।
केंद्र सरकार की ओर से साझा की गई आधिकारिक जानकारी के मुताबिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक 30 करोड़ (30,33,27,440) से अधिक वैक्सीन खुराक प्रदान की जा चुकी हैं। इनमें वैक्सीन की बर्बादी की 28,43,40,936 खुराकें शामिल हैं। इस बीच देश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के कुल 54,069 केस सामने आए हैं जबकि इस दौरान 1321 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है। देश भर में अब तक कुल तीन करोड़ 82 हजार 778 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि तीन लाख 91 हजार 981 लोगों की मौत हुई है।
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