दुनिया के कई देशों में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई है। वहीं यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटारेस ने वैश्विक स्तर पर टीकाकरण में तेजी लाने पर जोर दिया है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने दुनिया को आगाह करते हुए कहा है कि वायरस के फैलाव और इसके नए बदलाव पर पर काबू पाना बेहद जरूरी है।
संगठन के मुताबिक अब तक दुनियाभर में 2 अरब 62 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। संगठन की तरफ से इस डेल्टा वैरिएंट को सबसे तेजी से फैलने वाला बताया गया है। यूएन की स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा है कि अब तक इसके मामले 85 देशों में सामने आ चुके हैं।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख के मुताबिक जहां अभी तक टीकाकरण नहीं किया गया है वहां पर इसका फैलाव अधिक तेजी से हो रहा है। टैड्रोस ने उन देशों पर भी सवाल उठाया है जहां पर सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों में ढिलाई बरती है। उनका कहना है कि यदि संक्रमण इसी तरह से बढ़ता रहा तो फिर से स्वास्थ्य सेवाओं पर जबरदस्त बोझ बढ़ जाएगा। इसके परिणाम भी अच्छे नहीं होंगे।
ऐसे में संक्रमण से मौत का भी जोखिम अधिक होगा। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने ये भी साफ किया है कि आने वाले समय में भी वायरस के नए रूप हमारे सामने आते रहेंगे। ये वायरस की प्रकृति होती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। इसका सीधा सा नियम है कि न ज्यादा बाहर निकलेंगे और न ही इसका फैलाव अधिक होगा।
संगठन के महानिदेशक ने सभी देशों को इसको रोकने के लिए हर संभव उपाय करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि संगठन लगातार पिछले डेढ़ वर्ष से इसको लेकर हर तरह की जानकारी साझा करता रहा है और दुनिया को आगाह भी करता रहा है। उन्होंने ये भी कहा है कि इस महामारी से बचने के लिए सभी को न्यायसंगत तरीके से वैक्सीन को लगाया जाना चाहिए। ऐसा करने से ही सभी की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है।
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