गुवाहाटी/नई दिल्लीः कई दिनों तक चली माथापच्ची के बाद हिमंत बिस्वा सरमा के असम के नए मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। गुवाहाटी में बीजेपी विधायकों की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग गई। अब वह जल्द ही असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। असम के अगले सीएम पद के चेहरे को लेकर लगाए जा रहे कयासों के बीच मौजूदा मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यपाल जगदीश मुखी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद हिमंत बिस्व सरमा को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। इससे तय हो गया कि वह ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। बता दें कि असम के मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाने के लिए रविवार को विधायकों की बैठक हुई, जिसमें शामिल होने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और सर्बानंद सोनोवाल पहुंचे।
बता दें कि शनिवार को दोनों वरिष्ठ नेताओं सर्बानंद सोनोवाल और हिमंत बिस्वा सरमा को दिल्ली तलब कर बातचीत की गई। पार्टी के अधिकृत सूत्रों ने बताया कि चार दौर की बातचीत के बाद देर रात हिमंत को नया मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बन गई।
सूत्रों का दावा थाकि रविवार को गुवाहाटी में विधायक दल की बैठक के दौरान मौजूदा मुख्यमंत्री सोनोवाल ही हिमंत के नाम का प्रस्ताव रखेंगे। बदले में सोनोवाल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। सोनोवाल पहले भी केंद्रीय खेल मंत्री रह चुके हैं। दोनों शनिवार रात में एक साथ चार्टर्ड विमान से गुवाहाटी के लिए रवाना हो गए। देर रात भाजपा नेतृत्व ने इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी महासचिव अरुण सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर भेजने की घोषणा की।
इससे पहले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने आवास पर गृह मंत्री अमित शाह और संगठन महासचिव बीएल संतोष की मौजूदगी में दोनों नेताओं से मुलाकात की। पहले राज्य के मौजूदा स्वास्थ्य व वित्त मंत्री हिमंत पहुंचे। उनसे बातचीत के बाद पहुंचे सोनोवाल के साथ भी केंद्रीय नेताओं ने अकेले में बात की। इसके बाद तीसरे दौर की बातचीत में दोनों को एकसाथ बैठाकर बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया गया। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों को अलग-अलग केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का प्रस्ताव दिया। लेकिन दोनों नेताओं ने इस प्रस्ताव पर अपनी असहमति जाहिर की।
इसके बाद रविवार को विधायक दल की बैठक बुलाने का फैसला किया गया। देर शाम अचानक दोनों नेताओं को एक बार फिर बुलाया गया और चौथी दौर की बैठक हुई। सूत्रों का कहना है कि बैठक में हिमंत के नाम पर सहमति बन गई। हालांकि इससे पहले तीसरे दौर की बैठक के बाद हिमंत ने कहा था कि मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी जानकारी रविवार को विधायक दल के बैठक के बाद सार्वजनिक हो जाएगी।
हिमंत बिस्वा सरमा असम की जालुकबारी विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं। इस बार उन्होंने 1 लाख 1,911 वोटों के बंपर मार्जिन से जीत दर्ज की है। 2015 में हिमंत बिस्वा सरमा ने बीजेपी को जॉइन किया था। राज्य में प्रभाव के मामले में वह सोनोवाल से किसी मायने में कम नहीं हैं। 2016 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में असम में बीजेपी की जीत के साथ ही हाल में सीएए विरोधी प्रदर्शन और कोरोना के हालात को संभालने में उनकी अहम भूमिका रही है। 2016 में असम विधानसभा चुनाव जीतने के ठीक बाद हिमंत को बीजेपी ने नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस का अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद उन्होंने पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया।
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