सीडीसी के अध्ययन में खुलासा, हवा से फैल रहा कोरोना

 


नई दिल्लीः यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने बताया कि हवा की वजह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है। लंबे समय तक घर से बाहर रहने वाले लोगों पर यह सीधा अटैक करता है। यूके, यूएस और कनाडा के छह सदस्यीय एक्सपर्टों की टीम ने अध्ययन में पाया कि गया कि एयरबॉर्न है, लेकिन भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय इससे इनकार करता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक यह हवा से नहीं फैलता। वायरस व्यक्ति से व्यक्ति में फैलता है।

सीडीसी ने यह भी स्वीकार किया कि कोविड-19 के कारण SARS-CoV-2 बनता है। सीडीसी के मुताबिक हवारहित वायरस सांस लेने के दौरान निकलने वाली महीन बूंदें के रूप में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रवेश करता है। यह वायरस कई बार खुद को परिवर्तीत करता है, वायरस का प्रोटीन इतना ताकतवर है कि मानव कोशिकाओं में घुसपैठ करने की क्षमता रखता है। एक बार जब यह शरीर के अंदर प्रवेश कर लेता है तो ये वहां संक्रमण फैलना शुरू कर देता है।

अमेरिकी चिकित्सा निकाय ने वायरस को हवा में होने की संभावना को SARS-CoV-2 ट्रांसमिशन पर फोकस किया। अमेरिकी सीडीसी की वेबसाइट पर अपडेट किए गए दिशा-निर्देशों में बताया गया है कि लोग सांस छोड़ते हैं, या किसी से बात करते या कुछ बोलते हैं, तो उस वक्त आसपास की सतहों पर या हवा में वायरस मिलते हैं और लंबे समय तक सक्रिय रहते हैं। बातचीत के दौरान मुंह से निकलने वाली लार की बड़ी या छोटी बूंदें घंटों तक हवा में मौजूद रहती हैं।

यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने बताया कि 6 फीट की दूरी पर रहने वाले लोगों को वायरस प्रभावित नहीं कर सकता, लेकिन लंबे समय तक घर से बाहर रहने वाले लोगों में हवा के माध्यम से वायरस अंदर प्रवेश जरूर कर सकता है और यह यह अपने आसपास के लोगों को शिकार बना सकता है।



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