बिहार में कोरोनावायरस संक्रमण (CoronaVirus Infection) की स्थिति विस्फोटक होते देख अब राज्य सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है। ये बड़े फैसले क्या हो सकते हैं, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। पूर्ण लॉकडाउन (Complete Lockdown) या लॉकडाउन जैसे कड़े प्रावधान (Stringent Provisions Like Lockdown) या फिर 12 घंटे का नाइट कर्फ्यू... इन्हें लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इसपर अंतिम फैसला राज्य की नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar Government) शनिवार को सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) के बाद ही लेगी, लेकिन राजनीतिक बयानों से फैसले के संकेत जरूर मिल रहे हैं।
लगातार बढ़ रहे हैं कोरोनावायरस संक्रमण के मामले
बिहार में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आंकड़ों में हर दिन पिछले दिन के रिकॉर्ड टूट जा रहे हैं। गुरुवार को कुल 6133 नए संक्रमित मिले, जो राज्य में एक दिन में मिले अब तक के सर्वाधिक मामले हैं। स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर शुक्रवार का आंकड़ा अभी नहीं आया है। आशंका है कि कहीं शुक्रवार को भी गुरुवार का रिकार्ड न टूट जाए। बीते पांच दिनों की बात करें तो 21831 संक्रमित मिले हैं। कोरोना से स्वस्थ होने वालों की रिकवरी रेट भी 89.89 फीसद तक घट गया है। इस विस्फोटक स्थिति पर नियंत्रण के लिए सरकार कोई कड़ा फैसला लेगी, यह तय लग रहा है।
मुख्यमंत्री पहले ही दे चुके हैं कड़े फैसले के संकेत
कड़े फैसले के संकेत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को पहले ही दे चुके हैं। लॉकडाउन व नाइट कर्फ्यू की बाबत मीडिया के सवाल पर उन्होंने सधे लहजे में कहा था कि सरकार जरूरत पड़ने पर कोई भी कदम उठा सकती है। सूत्र बताते हैं कि सरकार फिलहाल पूर्ण लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है, लेकिन लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाईं जा सकती हैं।
लॉकडाउन लगे या हों कड़े प्रावधान, सियासत शुरू
इस बीच लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। इन सियासी बयानों से भी सरकार के फैसले के संकेत मिल रहे हैं।
लॉकडाउन के खिलाफ आरजेडी: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने में बिहार सरकार को विफल बता रहे हैं। आरेजडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी सरकार को विफल बताते हुए कहते हैं कि पार्टी सर्वदलीय बैठक में अपनी बात रखेगी। आरजेडी के भाई वीरेंद्र कहते हैं कि लॉकडाउन समस्या का निदान नहीं है। गरीबों के निवाले का भी सवाल है। सरकार कुछ नियम बनाकर उन्हें सख्ती से लागू कराए।
कांग्रेस चाहती लगे लॉकडसउन: कांग्रेस ने भी हालात को खराब बताया है। कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ कहते हैं कि लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्र सरकार कोरोनावायरस संक्रमण रोकने में नाकाम बताते हुए पूछते हैं कि एक महीने के अंदर स्थिति कैसे बिगड़ी? पिछले साल 22 लाख प्रवासी घर लौटे, जब भी ऐसे हालात नहीं थे। मास्क से काम नहीं चलेगा, लॉकडसउन पर विचार करना पड़गा। जान से बड़ी कोई चीज नहीं है। सरकार घर-घर राशन पहुंचाए, लेकिन लॉकडाउन लगाए।
पेट व रोजगार के साथ जिंदगी का भी सवाल - जेडीयू: जेडीयू नेता अरविंद निषाद विपक्ष पर विपक्ष राजनीति करने का आरोप लगाते हुए इस मामले को सरकार पर छोड़ देने की बात कह रहे हैं तो जेडीयू नेता व मंत्री नीरज कुमार कहते हैं कि सभी बिंदुओं पर विचार कर फैसला लिया जाएगा। जेडीयू के अफजल अब्बास कहते हैं कि लॉकडाउन समस्या का निदान नहीं है। इसके साथ और समस्याएं आएंगीं। यह पेट व रोजगार के साथ जिंदगी का भी सवाल है। तीनों बातों को देखते हुए सरकार कोई फैसला लेगी। भारतीय जनता पार्टी के प्रेमरंजन पटेल कहते हैं कि सरकार कड़े फैसले ले सकती है।
फिलहाल लॉकडाउन नहीं, कड़े प्रावधान चाहते दल
सर्वदलीय बैठक के पहले राजनेताओं के उक्त बयान स्पष्ट संकेत देते हैं कि अघिकांश राजनीतिक दल फिलहाल लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं। हां, वे लॉकडाउन जैसे कड़े प्रावधान जरूर चाहते हैं। यही विचार सर्वदलीय बैठक में भी रखे जाएंगे, ऐसा तय है। ऐसे में संभावना है कि सरकार फिलहाल लॉकडाउन नहीं लगा कर लॉकडाउन जैसे कड़े प्रावधान लागू कर दे। इसके लिए नई गाइडलाइन जारी की जाए।
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