पटनाः बिहार विधानसभा से लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का खेला खत्म हो चुका है। चिराग पासवान के इकलौते विधायक राजकुमार सिंह आधिकारिक तौर पर नीतीश कुमार के साथ हो गए। उन्होंने जेडीयू की सदस्यता ले ली। मटिहानी से राजकुमार सिंह चुनाव जीते थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विधायक राज कुमार सिंह ने विधानसभा में एलजेपी का जेडीयू में विलय कराने का फैसला लिया।
इस बाबत उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से खुद मुलाकात की और अपनी मांग रखी। राजकुमार सिंह की मांग के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने जेडीयू में शामिल होने की अनुमति दे दी। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार, मंत्री अशोक चौधरी, विजय चौधरी, सांसद ललन सिंह मौजूदगी में राजकुमार सिंह ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इसके पहले बीएसपी के इकलौते विधायक जमा खान ने भी पार्टी का जेडीयू में विलय किया था और मंत्री बने थे।
दरअसल विधायक राजकुमार सिंह एलजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल खलिक के कारण बताओ नोटिस दिए जाने से नाराज चल रहे थे। बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान राजकुमार सिंह ने जेडीयू उम्मीदवार का समर्थन किया था। इसके बाद एलजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने प्रेस के जरिए उन्हें कारण बताओ नोटिस थमा दिया।
राजकुमार सिंह का कहना था कि पार्टी की तरफ से चुनाव को लेकर कोई निर्देश नहीं दिया गया था। स्पीकर के चुनाव के समय एनडीए के पक्ष में मतदान करने को कहा गया था। इसलिए उन्होंने उपाध्यक्ष पद के लिए भी एनडीए को ही वोट किया। चुनाव जीतने के बाद से ही राजकुमार सिंह पर जेडीयू डोरे डाल रही थी। जेडीयू की तरफ से मंत्री अशोक चौधरी और मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह उनके संपर्क में थे। राजकुमार सिंह को फिलहाल जेडीयू पार्टी के संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा भी दिए जाने की बात कही जा रही है।
Post a Comment