इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल के 14वें सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का जीत का रथ रोक दिया। सीएसके के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के सामने पूरी आरसीबी टीम बेबस नजर आई। जडेजा ने बल्ले के साथ-साथ गेंद से भी टीम के लिए योगदान दिया और फील्डिंग के दौरान भी उन्होंने टीम का सिर ऊंचा रखा। इसी मैच में जडेजा ने एक ओवर में 37 रन बटोरे। इसको लेकर जडेजा ने कहा कि एमएस धौनी की मदद के कारण ही उन्होंने आखिरी ओवर में इतने रन बटोरे।
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में रवींद्र जडेजा ने 28 गेंदों में 4 चौके और 5 छक्कों की मदद से 62 रन की तूफानी पारी खेली। इस बारे में जब उनसे पूछा गया कि क्या इससे बेहतर दिन क्रिकेट की पिच पर आपका हो सकता है तो उन्होंने इसके जवाब में कहा, "नहीं, मुझे नहीं लगता। मैंने इसका आनंद लिा। जब आप टीम की जीत में योगदान देते हैं तो आपको अच्छा महसूस होता है। मैं अपनी फिटनेस और स्किल्स पर बहुत मेहनत कर रहा हूं। सौभाग्य की बात ये है कि मेरी मेहनत इस मैच में रंग लाई, क्योंकि मैंने बल्ले और गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया।"
जडेजा ने आगे बताया, "एक ऑलराउंडर के तौर पर खेलना कठिन होता है, क्योंकि आपको सभी विभागों में अच्छा करना होता है। ट्रेनिंग के दौरान एक दिन में मैं सभी चीजों (बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग प्रैक्टिस) नहीं करता हूं। एक दिन मैं अपनी स्किल्स पर काम करता हूं, जबकि दूसरे दिन में फिटनेस पर काम करता हूं। इस तरह मैं अपना वर्कलोड मैनेज करता हूं। मैं आखिरी ओवर में हिटिंग करने के बारे में सोच रहा था और माही भाई (एमएस धौनी) ने बताया कि क्या करना है और हर्षल पटेल कैसी गेंदबाजी कर सकते हैं।"
ऑलराउंडर जडेजा ने बताया, "माही भाई ने मुझे बोला कि वह (हर्षल पटेल) ऑफ स्टंप के बाहर गेंद फेंकेगा और मैं इसके लिए तैयार था। सौभाग्य से मैंने अच्छे से कनेक्ट किया और हम 191 रन तक पहुंचे। वह हमारी टीम के लिए बहुत अच्छा ओवर था। मैं जानता था कि मैं अगर स्ट्राइक पर हूं तो मैं रन बना सकता हूं। मेरा दिन नहीं था (कैच छोड़ने पर), लेकिन मैंने एक बल्लेबाज को रन आउट किया। और मैं इस बात से खुश हूं।" जडेजा जब आखिरी ओवर में स्ट्राइक पर थे तो उनके साथ नॉन स्ट्राइक पर धौनी खड़े थे, जिनको एक भी गेंद खेलने को नहीं मिली।
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