सूरज कुमार
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गया। लोग अपने पिता के मृत्यु के बाद उनकी इच्छा के लिए तरह-तरह के कार्य करते है और उनकी मन पसंद चीज को ब्राह्राणें व गरीबों में दान करते है। लेकिन एक अनोखी पहल की शुरूआत की है। गया-डोभी रोड़, स्थित बीएमपी-03 के कमेंडेन्ट आईपीएस सुशील कुमार ने जो अपने पिता स्वर्गीय राम नगीना प्रसाद की याद में एक अनोखी पहल की शुरुआत कियें हैं।रोहतास के राजपुर प्रखंड के सिरखिंडा गांव में अपने पिता की याद में एक पुस्तकालय ही खोल दी।जिसका शुभारंभ सोमवार को किया।
पिता का सपना था समाज के सभी वर्ग के लोग शिक्षित बने
आईपीएस सुशील कुमार ने बताया कि पिताजी का सोलहवीं पुण्यतिथि को मानते हुए उनकी याद में एक छोटी सी पहल है। उन्होंने बताया कि पिताजी एक छोटे से गावं से गरीब परिवार से निकलकर एक छोटी सी नौकरी की और हम सभी भाई बहनों को पढ़ाया। आज हम जो भी हैं इसके पीछे मेरे पिताजी की सादगी और लगन साथ ही माँ का त्याग भी है। मेरे पिताजी अपने सीमित आय से हमको भी पढ़ाते और और समाज के गरीब बच्चों को यथा संभव आर्थिक मदद भी कियें जिससे वो कुछ बन सकें। उन्होंने बताया कि पिताजी के सपने को मुहिम पर पहुँचाने की कोशिश में एक छोटी सी पहल मेरे द्वारा किया गया।
लोगों में साहित्य के प्रति बढेगी रूचि
आजकल गांव में पढ़ने का माहौल कम होता जा रहा है। साथ ही बचपन में पिताजी को देखकर मेरे मन में भी लोगों को मदद करने की इच्छा उठी और अपने गांव में ही पुस्तकालय खोलने का विचार आया। गांव में पुस्तकालय खुलने से ग्रामीणों और विद्यार्थियों में साहित्य के प्रति रुचि पैदा होने के साथ ही गांव में रचनात्मक गतिविधियां बढ़ने की भी उम्मीद है.इसके अलावा पुस्तकालय में रखा गया साहित्य पढ़ने से गांव में फैलने वाली कुरीतियों को रोकने में भी मदद मिलेगी। वंही उन्होंने आगे बताया कि लगभग 50 से 60 हजार किताबें/पत्रिकाएं जुटाने की योजना है। यह आगामी 1 अप्रैल 2021 से अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेरा अगला मिशन रहेगा पुस्तक कोश बनाना ताकि राज्य भर में ऐसी पहल करने वालों को किताबें देंकर मदद की जा सके और ज्ञान को लोगों के लिए सुलभ किया जा सकें। साथ ही किताबे ही हमारे मूल्यों को आकार देती है सपनों को उड़ान आज के इस मुश्किल दौर में ये ताजी हवा का झोंका है जिसके सहारे हम बेहतर कल की उम्मीद कर सकतें हैं।