छापेमारी करेंगे, दोषियों को बख्शेंगे नहीं : सीएम ममता


- सीएम ममता ने किया ऋतुराज होटल का दौरा

कोलकाता: कोलकाता के मछुआ इलाके में ऋतुराज होटल में आग लगने के बाद ममता सरकार हरकत में आ गई है. गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में आग से तबाह हुए होटल का दौरा किया. सीएम ने कहा कि 14 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. लगातार छापेमारी की जाएगी.

दीघा से लौटते समय सीएम ममता बनर्जी बड़ा बाजार के मछुआ पहुंचीं. उन्होंने कहा कि अग्नि सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करने वाले प्रतिष्ठानों की पहचान करने और निगरानी के लिए पुलिस, प्रशासन और अग्निशमन विभाग की विशेष समितियां गठित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि टीमें शहर के साथ-साथ जिला और कस्बों में भी औचक निरीक्षण करेंगी. प्रशासन में जो लोग निरीक्षण में दोषी पाए जाएंगे तथा अपर्याप्त अग्नि सुरक्षा वाले भवनों को परिचालन एनओसी सौंपेंगे, वे भी दंड के दायरे में आएंगे. पैनल रिपोर्ट तैयार कर अगले 15 दिनों में मेरे कार्यालय को सौंप देंगे. 


पश्चिम बंगाल में कोलकाता के मेचुआपट्टी इलाके में मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे एक होटल में आग लग गई. आग लगने के कारण भीड़भाड़ वाले इलाके में अफरा-तफरी मच गई. हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा, इमारत की खिड़कियों और संकरी दीवारों से भागने की कोशिश करते समय कई लोग घायल हो गए. पुलिस ने होटल के मालिक आकाश चावला और मैनेजर गौरव कपूर को गिरफ्तार कर लिया.

कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि कोलकाता के जिस होटल में मंगलवार शाम को आग लगी, उसमें आग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे. होटल ऋतुराज की जांच करने के बाद अग्निशमन सेवा के महानिदेशक रणवीर कुमार ने बताया कि भीड़भाड़ वाले इलाके में स्थित इस होटल ने सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन किया. होटल में बुनियादी अग्निशमन तक की व्यवस्था नहीं थी. होटल की फायर सेफ्टी मंजूरी 2022 में ही समाप्त हो गई थी. मुख्‍यमंत्री के साथ मेयर फिरहाद हकीम, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस, शशि पांजा व कई वरिष्‍ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे.

उजड़ गया तमिलनाडु का प्रभु परिवार
ऋतुराज में मंगलवार रात लगी भीषण आग ने तमिलनाडु के करूर निवासी प्रभु के परिवार को उजाड़ दिया. प्रभु के 10 साल की बेटी दीया, 3 साल का बेटा ऋथन और 61 साल के ससुर एस मुथु कृष्णन इस हादसे में झुलसकर जान गंवा बैठे. यह हादसा उस वक्त हुआ जब परिवार अपनी 12 दिन की लंबी छुट्टी के बाद घर लौटने ही वाला था. प्रभु का कहना है कि, “काश हम एक घंटा पहले निकल गए होते, या फिर वहीं रुककर हम सब साथ चले जाते.”

घूमने निकले थे, लौटे सिर्फ ग़म के साथ
17 अप्रैल को त्रिची से शुरू हुई इस यात्रा में प्रभु और उनका परिवार दिल्ली, सिक्किम और दार्जिलिंग घूम चुका था. कोलकाता यात्रा ससुर मुथु कृष्णन के कहने पर जोड़ी गई थी. 29 अप्रैल को वे कोलकाता पहुंचे और 30 अप्रैल की रात 11:45 बजे ट्रेन से घर लौटने का प्लान था. सभी का सामान पैक हो चुका था और रात का खाना लेने के लिए प्रभु और उनकी पत्नी मधुमिता होटल से बाहर निकले थे.

लौटे तो जल रहा था होटल
जब प्रभु और मधुमिता खाना लेकर लौटे, तो उनके होश उड़ गए. होटल की तीसरी मंज़िल, जहाँ उनके बच्चे और ससुर थे, आग की लपटों में घिरी हुई थी. होटल में आग लगने का समय 7:30 बजे से 8 बजे के बीच बताया गया है. प्रभु ने बताया, “होटल में सही तरीके से कोई आपातकालीन निकास नहीं था. कुछ लोगों को तो निकाला गया, लेकिन हमें कुछ समझ नहीं आ रहा था.”

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