भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी यानी भाकपा (CPI) के युवा नेता और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Ex JNU student union president Kahaiya Kumar) आजकल बिहार के सियासी गलियारे में कम नजर आते हैं। बिहार की सियासी गर्माहट से उनका नदारद रहना कई लोगाें को खलता भी है। इस बीच वे चर्चा में हैं अपनी ही पार्टी के नेता के साथ मारपीट और बदसलूकी को लेकर। यह मारपीट पटना में करीब दो महीने पहले ही हुई थी, लेकिन अब उनकी अपनी ही पार्टी ने इस मामले को लेकर कन्हैया कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव (Censure motion against CPI leader Kahhaiya Kumar) पारित किया है। वह लोकसभा चुनाव में बीजेपी के फायर ब्रांड लीडर गिरिराज सिंह (BJP leader Giriraj Singh) के खिलाफ बेगूसराय (Begusarai) से चुनाव लड़कर हार गए थे। वह फिलहाल पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य हैं।
दिसंबर का ही बताया जा रहा है मामला
यह मामला दिसंबर का ही बताया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार दिसंबर में ही पार्टी की ओर से बेगूसराय जिला काउंसिल की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में कन्हैया को भी आना था। यह बैठक अचानक रद कर दी गई, लेकिन इसकी सूचना कन्हैया कुमार को समय रहते नहीं दी गई। इसी मुद्दे को लेकर पार्टी के कार्यालय सचिव इंदूभूषण की पिटाई कर दी गई। कहा यह जा रहा है कि यह मारपीट कन्हैया कुमार के समर्थकों ने की थी। इस दौरान कन्हैया के भी वहां रहने की बातें चर्चा में रही थीं, हालांकि उन्होंने खुद इस तरह की किसी गतिविधि का हिस्सा होने से इनकार किया था।
हैदराबाद में पारित किया गया निंदा प्रस्ताव
कुछ दिनों पहले सीपीआई की हैदराबाद में आयोजित तीन दिवसीय बैठक में कन्हैया के इस व्यवहार की आलोचना की गई और इसके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। इस बैठक में पार्टी के कई बड़े नेता शामिल थे। पार्टी नेताओं ने कन्हैया से उनके व्यवहार में शालीनता बरतने की अपील की।
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