लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में यह बड़ी बगावत है। चिराग पासवान (Chirag Paswan) की पार्टी के कई जिलाध्यक्ष, पांच दर्जन से अधिक बड़े नेता व सैकड़ों कार्यकर्ता 18 फरवरी को जनता दल यूनाइटेड (JDU) में शामिल होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का हाथ मजबूत करने जा रहे हैं। एलजेपी से निष्कासित पूर्व प्रवक्ता केशव सिंह (Keshav Singh) ने यह दावा किया है। एलजेपी छोड़ रहे बागी नेताओं ने चिराग पासवान पर धोखाधड़ी का मुकदमा करने का भी फैसला किया है। विदित हो कि इसके पहले जनवरी में भी एलजेपी के 27 नेताओं ने एक साथ इस्तीफा देकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को समर्थन दिया था।
जेडीयू में शामिल होंगे कई जिलाध्यक्ष, पांच दर्जन से अधिक नेता
एलजेपी के निष्कासित पूर्व प्रवक्ता केशव सिंह ने बड़ा धमाका किया है। उन्होंने दावा किया है कि पार्टी के कई जिलाध्यक्ष व पांच दर्जन से अधिक नेता अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जेडीयू में शामिल होने जा रहे हैं। यह फैसला हाल ही में एलजेपी के बागी नेताओं की बैठक में किया गया।
18 फरवरी को जेडीयू कार्यालय में होने जा रहा मिलन समारोह
केशव सिंह ने बताया कि 18 फरवरी को जेडीयू के पटना कार्यालय में मिलन समारोह आयोजित किया गया है, जिसमें एलजेपी के बागी शिरकत करेंगे। वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हाथ मजबूत करने के लिए जेडीयू में शामिल हो जाएंगे। केशव सिंह ने बताया कि वे खुद भी जेडीयू की सदस्यता ग्रहण करेंगे। मिलन समारोह में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh), ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव, जल संसाधन मंत्री संजय झा, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी, विधान पार्षद नीरज कुमार तथा मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह सहित कई बड़े नेता शामिल होंगे।
आरोप: चिराग ने आरजेडी व महागठबंधन की दलाली की
केशव सिंह ने कहा कि चिराग पासवान ने विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी व एनडीए को क्षति पहुंचाया तथा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) व महागठबंधन (Mahagathbandhan) की दलाली की। वे बिहार के विकास पुरुष नीतीश कुमार को जेल भेजने की चुनौती दे रहे थे, लेकिन कोई माई का लाल खुद चिराग को जेल जाने से नहीं रोक सकता है।
अब एलेजपी अध्यक्ष पर धोखाधड़ी का मुकदमा करेंगे बागी
केशव सिंह ने बताया कि हाल में हुई एलजेपी के बागियों की बैठक में चिराग पासवान पर चुनाव के दौरान झूठ का सहारा लेकर 94 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं को ठगने का आरोप लगाते हुए मुकदमा करने का भी फैसला किया गया। उनका आरोप है कि फरवरी 2019 में 25 हजार सदस्य बनाने वालों को ही विधानसभा चुनाव का टिकट देने की घोषणा कर बड़ी राशि वसूली गई, लेकिन बाद उनके बदले पैसे लेकर बाहरी लोगों को टिकट दिए गए।
सवाल यह कि क्या बगावत से टूट की कगार पर एलजेपी?
ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद से एलजेपी में चिराग पासवान के खिलाफ बगावत का दौर चल रहा है। जनवरी में 27 नेताओं की बगावत के बाद अब 18 फरवरी को फिर बड़ी बगावत होने जा रही है। सवाल यह है कि लगातार बगावत के कारण क्या एलजेपी टूट की कगार पर है? अब नजरें 18 फरवरी को एलजेपी छोड़ने वालों पर टिकी हैं।
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