कांग्रेस नेतृत्व और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी के बीच चल रहे विवाद में कांग्रेस कोटे से झारखंड की हेमंत सरकार के शामिल मंत्री नहीं पड़ेंगे। पैसा वसूल कर झारखंड राज्य कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह को देने जैसे गंभीर आरोप के बाद भी कांग्रेस कोटे के चारों मंत्री बोलने बच रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी बोलने से इन्कार किया है। उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस आलाकमान ही जवाब देगा।
बन्ना ने फुरकान को बताया अभिभावक
कांग्रेस विधायक और झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता शुक्रवार को धनबाद दाैरे पर थे। मीडिया वालों ने जब फुरकान अंसारी के आरोपों पर सवाल किया तो बन्ना ने कहा-फुरकान साहब बड़े नेता हैं। मैं उनका काफी सम्मान करता हूं। वह हमारे अभिभावक तुल्य हैं। उन्होंने इस तरह का बयान क्यों दिया, किस परिस्थिति में दी यह समझ से परे है। मैं कांग्रेस का एक छोटा सा सिपाही हूं। ऐसे में उनके बयानों को ज्यादा नहीं बता सकता हूं। इसके लिए उपयुक्त भी नहीं हूं। इस मुद्दे पर कांग्रेस आलाकमान ही बोल सकता है। गुप्ता धनबाद के धैया में एक क्लीनिक का उद्घाटन करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि फुरकान साहब से हम लोगों ने काफी कुछ सीखा है।
क्या है कांग्रेस के पूर्व सांसद का आरोप
कांग्रेस नेता पूर्व सांसद फुरकान अंसारी समय-समय पर तल्ख बयान देते रहते हैं। उनकी नाराजगी झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के प्रति है। हाल ही में उन्होंने कहा था कि हेमंत सरकार में शामिल कांग्रेस के चारों मंत्री पैसे वसूल कर पार्टी प्रभारी आरपीएन सिंह को देते हैं। इतना गंभीर आरोप होने के बाद भी चोरों मंत्री फुरकान अंसारी के खिलाफ खुलकर नहीं बोल रहे हैं। फुरकान के बेटे इरफान अंसारी झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। बन्ना से पहले झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी फुरकान के बयानों पर बोलेने से इन्कार किया था।
कोरोना काल में झारखंड सरकार ने किए बेहतर काम
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार के गठन के बाद से ही को रोना जैसी वैश्विक महामारी आ गई। महामारी आने के बाद हमारे पास कुछ भी संसाधन नहीं थे। आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। झारखंड सरकार के खजाने में भी कुछ नहीं थे। इसके बावजूद विकट परिस्थिति में झारखंड सरकार में कोरोना काल में बेहतर काम किया है। यही कारण है कि पूरे देश में झारखंड की कार्यों की सराहना की जा रही है। केंद्र सरकार ने हमेशा से झारखंड के प्रति दोहरा रवैया अपनाया है।
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