भाजपा में शामिल होने के लिए माकपा छोड़ने वाले लोगों के खिलाफ थे माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा



माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने शनिवार को कहा कि मेदिनीपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ चुके लोगों के खिलाफ आरोप थे और उन्हें अंतत: पार्टी छोड़नी पड़ी। दो वामपंथी विधायक- तमलुक से अशोक डिंडा और गजोले से दीपाली विश्वास रैली के दौरान भाजपा में शामिल हो गए। मिश्रा ने यहां पत्रकारों से कहा कि माकपा छोड़ चुके इन लोगों के खिलाफ आरोप थे। अंतत: उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी क्योंकि उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई थी।

सुवेंदु अधिकारी और शीलभद्र दत्ता जैसे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं के भी भाजपा में शामिल होने के बारे में मिश्रा ने कहा कि यह एक नाटक के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि यह नाटक लंबे समय से चल रहा है और अंतिम दृश्य सामने आना बाकी है। न तो भाजपा और न ही तृणमूल कांग्रेस के पास कोई वैचारिक आधार है - केवल भ्रष्टाचार है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा तृणमूल कांग्रेस और वामदलों को तोड़ने का प्रयास कर रही है। बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही इस तरह के किसी भी कदम के विरोध में हैं। हम एक संघीय ढांचे में राज्यपाल के पद के भी खिलाफ हैं। भाजपा आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है और काले धन को वापस लाने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने में विफल रही है। उसने अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है। 


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